श्रीनगर 10 मार्च (वार्ता) नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराये जाने की घोषणा से नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की विफलता और असलियत सामने आ गयी है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं करा कर वैश्विक मंच पर अपनी विफलता स्वीकार कर ली है। कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव नहीं कराने से उसकी असली मंशा का पता लग गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराने की घोषणा किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, “श्री मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और हुर्रियत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। शाबास, मोदी साहब। 56 इंच का सीना विफल हो गया। बालाकोट और उरी राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री मोदी की सफलता का प्रतीक नहीं हैं बल्कि जम्मू-कश्मीर है और देखिये उन्होंने यहां क्या गड़बड़ी कर दी है। देश विरोधी ताकतों के सामने आत्मसमर्पण कर देना शर्मनाक है।”
श्री अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितना ध्यान आकर्षित था, मैंने कभी नहीं सोचा था कि श्री मोदी वैश्विक मंच पर अपनी विफलता स्वीकार नहीं करना चाहेंगे लेकिन मैं गलत था।”
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी ए मीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर केंद्र सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खुल गयी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नहीं कराने की घोषणा कर केंद्र सरकार ने खुद ही स्पष्ट कर दिया है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हैं और चुनाव कराने के अनुकूल नहीं है।
श्री मीर ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए यह राज्य के लोगों को एक चुनी हुई सरकार देने का सुनहरा मौका था और सभी राजनीतिक दल भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराये जाने के पक्ष में थे।