नयी दिल्ली 11 सितम्बर (वार्ता) सरकार ने एचआईवी तथा एड्स प्रभावितों व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिनियम को लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है।
इस अधिनियम का उद्देश्य एचआईवी तथा एड्स का निवारण और नियंत्रण, एचआईवी तथा एड्स के शिकार लोगों के साथ भेदभाव करना निषेध है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत एचआईवी एवं एड्स से संबंधित व्यक्तियों के साथ भेदभाव, कानूनी दायित्व को शामिल करके वर्तमान कार्यक्रम को मजबूत बनाना तथा शिकायतों और शिकायत निवारण के लिए औपचारिक व्यवस्था स्थापित करना है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि ह्यूमन इम्यूनो डिफिसीएंसी वायरस तथा एक्वायर्ड इम्यून डिफिसीएंसी सिंड्रोम (निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को लागू करने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी की गयी है। इस अधिनियम का उद्देश्य एचआईवी के शिकार और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है।
अधिनियम में एचआईवी पॉजीटिव व्यक्तियों के साथ भेदभाव को निषेध किया गया है जिसके तहत ऐसे व्यक्तियों के साथ रोजगार, शिक्षण संस्थान, स्वास्थ्य सेवाएं, आवास या संपत्ति किराए पर देना, सार्वजनिक और निजी पद के लिए उम्मीदवारी जैसे मामलों में अनुचित व्यवहार नहीं किया जा सकता।
इसके प्रावधानों के तहत 18 वर्ष से कम आयु के एचआईवी के शिकार और प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति का घर में साझा रूप से रहने तथा घर की सुविधाएं लेने का अधिकार हैं। अधिनियम में एचआईवी पॉजीटीव लोगों के बारे में गलत सूचना और घृणा भाव फैलाने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा प्रकाशन पर निषेध है।