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शशांक मामला: सरकारी कर्मचारियों ने असहयोग की धमकी दी

शशांक मामला: सरकारी कर्मचारियों ने असहयोग की धमकी दी

एजल, 07 नवंबर (वार्ता) मिजोरम के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) एस बी शशांक के हटाने की मांग को लेकर राज्य में संकट बढ़ गया है। चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल, राज्य सरकार के अधिकारी और राज्य की गैर सरकारी संगठन की समन्वयक समिति के साथ इस पर महत्वपूर्ण बैठक के बावजूद मामले ने तूल पकड़ा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार अधिकारियों पर बढ़ते दबाव तथा तत्कालीन प्रमुख सचिव (गृह) लालनुनमाविया चुआंगो का तबादला करने को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारियों और श्रमिकों के फेडरेशन ने बुधवार को चुनाव आयोग पर जमकर बरसे और कहा कि फेडरेशन तब तक चुनाव आयोग के साथ सहयोग नहीं करेगा जब तक श्री शशांक को नौ नवंबर चार बजे से पहले तक राज्य से बाहर स्थानांतरित नहीं कर दिया जाता।

फेडरेशन ने अपने बयान में राज्य में चुनाव संचालन के लिए बड़ी संख्या में केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मियों को बुलाने का भी विरोध किया है। राज्य के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का कदम बेहद अनुचित है। राज्य को देश का सबसे शांतिपूर्ण राज्य होने का गौरव प्राप्त है और जिसमें शांतिपूर्ण चुनाव होने का अपना इतिहास रहा है।

नागरिक समाज के नेताओं ने मंगलवार को एक बैठक में राज्य से सीईओ को बाहर निकालने की मांग को लेकर लिये गये फैसले की समीक्षा संबंधी सुझावों को सुझाव को कथित रूप से ठुकरा दिया और आंदोलन की धमकी दी।

सूत्रों के अनुसार श्री शशांक चुनाव आयोग के साथ बैठक के लिए नयी दिल्ली जा सकते है और चुनाव आयोग के समक्ष अपना मामला उठा सकते हैं।

गौरतलब है कि गत शुक्रवार को सीईओ की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने प्रमुख सचिव (गृह) - का स्थानांतरण कर दिया गया। जिसके बाद स्थानीय मिजोरम अधिकारी और एनजीओ ने श्री शशांक को उनके पद से हटाने और मिजोरम से बाहर भेजने की मांग की।

उप्रेती, नीरज

वार्ता

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