इटावा 15 नंबवर (वार्ता) दशकों तक कुख्यात डाकुओ की शरणस्थली रही उत्तर प्रदेश के इटावा की चंबल घाटी को सेना का प्रशिक्षण का केंद्र बनाने की तैयार हो रही है ।
सैंकड़ों से अधिक सेना के जवानो के चंबल नदी के किनारे जंगल में ट्रेनिंग करने के अलावा तीन हैलीकाप्टरो की आवाजाही मुख्य वजह मानी गई है । सहसो के थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि सेना के अधिकारियों का जो भी मूवमेंट चंबल नदी के किनारे था वो बेहद ही गोपनीय था । शुक्रवार को दोपहर सेना के जवानो की चंबल नदी के किनारे आवाजाही देखी गई है । ऐसा प्रतीत होता है कि शायद सेना के जवानो की जंगल ट्रेनिंग रही होगी जिसकी जानकारी सेना के स्तर पर प्रचारित करना मुनासिब नही समझा गया ।
इसी बाबत सेना की ओर से किसी भी स्तर पर जानकारी स्थानीय पुलिस प्रशासन को नही दी गई ।स्थानीय लोगो ने हैलीकाप्टरो के चंबल नदी के उपर उडते हुए देखे जाने की पुष्टि भी की है लेकिन इन का मकसद क्या था यह स्पष्ट नही हो सका है । चंबल नदी किनारे उतरे तीन हेलीकाॅप्टर क्षेत्र में चर्चा का विषय बने रहे ।
इस दौरान राहगीर चंबल पुल पर तमाशबीन बने रहे । कुछ समय बाद सैनिक गाडियों से वापस बकेवर की तरफ चले गये लेकिन प्रशासन को इस बात की भनक नहीं लग सकी।
चंबल के रेत में अचानक एक साथ आधा दर्जन हेलीकाॅप्टर उतरने से क्षेत्र की जनता आश्र्चय चकित रह गई । चंबल पुल पर राहगीरों का तांता लग गया। इसी बीच कुछ समय में हेलीकाॅप्टर तो उड़ गए लेकिन चंबल नदी किनारे फौजी ड्रेस में करीब एक सौ जवानों की फौज दिखाई दी।
सभी जवान एक से डेढ घंटे तक रेत में चंबल पुल से करीब दो किमी ऊपर नदा मिटहटी गांव के नीचे खडे रहे । दो टोली बनाकर चंबल पुल पर पहुंचे और पुल पर पहुंची चार गाडियों में सवार होकर चकरनगर की तरफ चले गये ।
खूंखार डाकुओ की शरणस्थली के तौर पर दुनिया भर मे कुख्यात मानी जाने वाली चंबल घाटी को भौगोलिक धरातल का अनुभव सेना के प्रशिक्षण के लिए मुफीद हो सकता है ।
इससे पहले पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण विद्यालय मुरादाबाद के निर्देश पर कुख्यात डाकुओ से ताल्लुक रखने वाली चंबल घाटी के बीहडो को पुलिस सब इंस्पेक्टरो को प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है । इटावा की भौगोलिक विविधता को अब पुलिस प्रशिक्षण में भी प्रदेश में जगह मिली है ।
यह पहला मौका है जब दस्यु सरगनाओं की शरणस्थली कहे जाने वाले यमुना और चंबल के बीहड में उप निरीक्षक की ट्रेनिंग ले रहे 267 ट्रेनी दरोगाओं को काम्बिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है ।
वर्ष 2015 व 2017 में चित्रकूट व उसके आसपास के इलाकों में बाबरिया गिरोह के सक्रिय होने व पुलिस पर हुए हमलों को ध्यान में रखते हुए बीहड में विशेष प्रशिक्षण का कोर्स नागरिक पुलिस में शामिल किया गया है । पुलिस ट्रेनिंग स्कूल मुरादाबाद में इसके लिए विशेष प्रबंध किए ।
चंबल घाटी मे एक वक्त छोटे बडे सैकडो की तादात मे डाकुओ को आंतक हुआ करता था लेकिन अब पुलिस की प्रभावी कार्रवाई से उनका सफाया हो चुका है । उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश और राजस्थान का बीहड डाकुओ की खास विशेष पनाहगाह बना रहा है ।
एक समय चंबल मे रामआसरे फक्कड,निर्भय गुर्जर,जगजीवन परिहार,रज्जन गूर्जर,अरविंद गुर्जर,रामवीर सिंह गुर्जर,कुसमा नाइन,लवली पांडे,सीमा परिहार,सरला जाटव,नीलम गुप्ता आदि का खासा आंतक था।
सं विनोद
वार्ता