भारतPosted at: Jun 5 2019 9:41PM स्वच्छ भारत मिशन से लोगों का स्वभाव बदला
नयी दिल्ली, 05 जून (वार्ता) पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन को पिछले पांच साल में अकल्पनीय सफलता मिली है और इसका सबसे बड़ा फायदा यह रहा कि इससे स्वच्छता के प्रति लोगों के स्वभाव में बदलाव आया है।
श्री जावड़ेकर तथा श्री शेखावत ने बुधवार को पर्यावरण दिवस पर यहां स्वच्छ भारत मिशन पर दो अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए पहली बार जब हाथ में झाड़ू उठाया था तो किसी ने नहीं सोचा था कि इस कार्यक्रम को इतनी सफलता मिलेगी कि पांच साल में देश में 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि श्री मोदी में काम करने की इच्छा शक्ति है और उनकी इस इच्छा शक्ति को देश और दुनिया ने देखा है। उन्होंने साबित किया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो इसके बल पर देश में विकास की गंगा बहाई जा सकती है और पांच साल में सबने देख लिया है। गंगा को मैला किया गया था क्योंकि सारा कूड़ा करकट इसमें बहाया जा रहा था लेकिन तीन चार साल में इसे रोकने के लिए जो काम हुए हैं उसने गंगा को निर्मल बना दिया है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि श्री मोदी ने स्वच्छता के लिए जो पहल शुरू की थी वह अब स्वच्छ भारत आंदोलन में बदल गया है। स्वच्छता के प्रति लोगों के स्वभाव में बदलाव आया है। लोगों के खुले में शौच जाने के स्वभाव में बदलाव आया है। इस आंदोलन के कारण देश के हजारों करोड़ रुपए बचे हैं और लाेगों का स्वास्थ्य ठीक हुआ है। इस पर लोगों ने मिशन मोड में काम किया है और यदि शौचालय होने के बावजूद कोई व्यक्ति खुले में शौच करता तो उसे सीटी बजाकर परेशान किया जाता है।
श्री जावडेकर ने कहा कि यह बात शायद सबको मालूम नहीं है कि शौचालयों को कई जगह महिलाओं ने इज्जतघर नाम दिया है। सुबह शाम महिलाएं शौच के लिए जाती थीं और दिन भर शाम होने का इंतजार करती थी। अब शौचालय का निर्माण हुआ तो उन्हें लगा कि यह उनकी इज्जत है इसलिए शौचालय को इज्जतघर नाम दिया गया। यह बहुत बड़ा परिवर्तन है। अब उनकी सरकार ने हर घर में नल से जल का नारा दिया है और लोगों ने इसका महत्व समझा है। गरीब को भी बेहतर जीवन जीने की आकांक्षा है और उसकी यह आकांक्षा स्वच्छ भारत अभियान से पूरी हो रही है, इसलिए उन्हें इस अभियान पर गर्व है।