कानपुर, 19 जुलाई (वार्ता) इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चेयरमैन राजीव शुक्ला के पर्सनल असिस्टेंट मोहम्मद अकरम सैफी पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने दलील दी है कि संघ खिलाड़ियों के चयन के लिये होने वाले ट्रायल में पूरी पारदर्शिता बरतता है और अनर्गल आरोप लगाने वाले शख्स को अपनी लिखित शिकायत यूपीसीए के दफ्तर में दर्ज करानी चाहिये।
यूपीसीए के सूत्रों ने गुरूवार को ‘यूनीवार्ता’ से कहा, “ खिलाड़ी के चयन के लिये दवाब बनाने की नीति के तहत राहुल शर्मा नामक शख्स अनर्गल आरोप लगा रहा है। पिछले पांच वर्षों के रिकार्ड में राहुल शर्मा नामक इस शख्स का कोई नाम नही है।”
सूत्रों ने कहा, “अगर उसे यूपीसीए के किसी अधिकारी से कोई शिकायत थी तो उसे इसकी लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिये मगर जब उसका नाता संघ से नहीं तो वह ऐसा करने की हिम्मत कैसे जुटा सकता था। अकरम आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के पीए हैं, इस नाते राहुल ने उनको निशाना बनाया ताकि यूपीसीए पर दवाब बनाकर अपना उल्लू सीधा कर सके।”
उन्होंने कहा कि यूपीसीए की ट्रायल प्रक्रिया बेहद पारदर्शी है जिसमे पहले जिला स्तर पर स्कोर करना होता है, उसके बाद मंडल, फिर जोन स्तर पर खिलाड़ी के हुनर को परखा जाता है जिसके बाद ही उसे मुख्य ट्रायल का मौका मिलता है। इस तरह मुख्य ट्रायल में खेलने के लिये एक युवा खिलाड़ी को कम से कम 15 मुकाबलों में अपने हुनर का इम्तिहान देना पडता है।