नयी दिल्ली,29 दिसंबर (वार्ता) भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) के आजीवन अध्यक्ष नियुक्त किये गये अभय सिंह चौटाला ने गुरूवार को कहा कि यदि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति(आईओसी) उनके इस पद को स्वीकारती नहीं है तो वह एक बार फिर भारतीय खेलों के हित में अपना पद त्याग देंगेे। चौटाला ने आईओए के अाजीवन अध्यक्ष और हरियाणा ओलंपिक संघ(एचओए) के अध्यक्ष के रूप में एक बयान जारी कर कहा“मैं आईओए को आजीवन अध्यक्ष के मानद पद पर खुद को नियुक्त करने के लिये धन्यवाद देता हूं। मैंने एक अलग पत्र के जरिये आईओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन को सूचित किया है कि यदि आईओसी को मेरा इस पद पर नियुक्त होना पसंद नहीं आता है तो मैं अपने पद का त्याग करने के लिये तैयार हूं।” उन्होंने कहा“ आईओए ने गुवाहाटी और चेन्नई में अपनी वार्षिक बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुझे नियुक्त किया। लेकिन यह भी देखना है कि इस पर आईओसी की क्या प्रतिक्रिया रहती है। मैंने हमेशा भारतीय खेलों, खिलाड़ियों, सुशासन, पारदर्शिता और खेलों में ईमानदारी के लिये काम किया है।” चौटाला ने कहा“ वर्ष 2012 में मुझे सर्वसम्मति से आईओए का अध्यक्ष चुना गया है। लेकिन जब भारत के अंदर ही निहित स्वार्थी तत्वों ने आईओए के संविधान में संशोधन लाने का काम किया तब मैंने अपना पद त्यागने का फैसला किया। इस संशोधन केे कारण मैंने भारतीय खेलों के हित में आईओए अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था।” उल्लेखनीय है कि आईओए ने चेन्नई में अपनी वार्षिक आम बैठक में चाैटाला और सुरेश कलमाडी को आजीवन अध्यक्ष नियुक्त किया है जिसका केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल , पूर्व खेल मंत्री अजय माकन, अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष नरेंद्र ध्रुव बत्रा और कई अन्य लोगों ने विरोध किया है। कलमाडी ने तो अपना नाम भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त होने तक पद स्वीकारने से इंकार कर दिया है जबकि चौटाला अब कह रहे हैं कि यदि आईओसी ने मंजूर नहीं किया तो वह अपना पद त्याग देंगे।