भारतPosted at: Sep 13 2019 6:07PM ईडी के समक्ष समर्पण की चिदम्बरम की याचिका खारिज: तिहाड़ में ही रहेंगे
नयी दिल्ली,13 सितम्बर(वार्ता) आईएनएक्स मीडिया मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत भुगत रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत से शुक्रवार को राहत नहीं मिली।
अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण की उनकी याचिका खारिज कर दी ।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने आज यह फैसला सुनाया । ईडी के समक्ष आत्मसमर्पण याचिका खारिज हो जाने के बाद श्री चिदम्बरम को अब 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
ईडी ने गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि इस मामले में पूछताछ के लिए उसे अभी श्री चिदम्बरम को हिरासत में लेने की जरुरत नहीं है । जांच एजेंसी ने कहा था कि जब इसकी जरुरत होगी वह अदालत से आग्रह करेगी। ईडी की तरफ से अदालत में कहा गया क्योंकि श्री चिदम्बरम सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए वह ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकें।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा ईडी 20 और 21 अगस्त को श्री चिदम्बरम को गिरफ्तार करने गई थी,किंतु अब ऐसा नहीं चाहती और ऐसा करके ईडी चाहती है कि श्री चिदम्बरम न्यायिक हिरासत में ही रहें।
दिल्ली उच्च न्यायालय के श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को सीबीआई ने 21 अगस्त की मध्यरात्रि को हिरासत में लिया था । सीबीआई और ईडी दोनों ने इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी का आग्रह किया था ।
पूर्व वित्त मंत्री को 22 अगस्त को विशेष अदालत में पेश किया गया था जहां से उन्हें पहले 26 अगस्त , फिर 30 अगस्त और बाद में पांच सितंबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा गया था। पांच सितंबर को श्री चिदम्बरम को 14 दिन के लिए 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने इसी दिन ईडी मामले में श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी ।
आईएनएक्स मीडिया मामला श्री चिदम्बरम के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहने के समय का है । श्री चिदम्बरम पर आरोप है कि 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड(एफआईपीबी)की मंजूरी में अनियमितताएं हुई हैं।
मिश्रा जितेन्द्र
वार्ता