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जन आर्शीवाद यात्रा के बहाने मुख्यमंत्री टटोल रहे मतदाताओं की नब्ज

जन आर्शीवाद यात्रा के बहाने मुख्यमंत्री टटोल रहे मतदाताओं की नब्ज

सिरसा,01 सितंबर(वार्ता) हरियाणा में विधानसभा चुनाव करीब आते ही सियासी सरगर्मियां जोर पकड़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में सत्तारूढ़ दल भाजपा ने भी अपनी तैयारी आरम्भ कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ निकाली जा रही है।

इस यात्रा को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछली 18 अगस्त को कालका से झंडी दिखाकर रवाना किया था, जिसका समापन 8 सितम्बर को रोहतक में होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्यातिथि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इस यात्रा के बहाने हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। टिकट की कतार में खड़े लोग इस यात्रा के जरिये मुख्यमंत्री के समक्ष अपने समर्थक जुटाकर शक्ति प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

चुनावी वर्ष होने के कारण मुख्यमंत्री हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर मतदाताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के द्वारा मुख्यमंत्री हर विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रूपयों की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन भी कर रहे हैं। इसी के साथ सरकारी के नौकरी सैंकड़ों पदों के लिए आवेदन निकाल कर खट्टर सरकार ने बेरोजगार युवक-युवतियों को लुभाने की चाल चली है। यह जग जाहिर है कि चुनाव का थोड़ा समय होने के कारण इन पदों को भरने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन लाखों बेरोजगार नौकरी की चाह में कतार में अवश्य खड़ा हो जाएंगे। विपक्षी दल इसे चुनावी लोलीपॉप करार दे रहें हैं।

अपने बूते प्रदेश में पहली बार सत्तारूढ़ हुई भाजपा में इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की कतार सबसे लम्बी है। अन्य दल छोडक़र आए बड़े नेताओं ने पुराने भाजपाईयों का टिकट का गणित बिगाड़ दिया है। पुराने भाजपाई विस्थापित हुए नेताओं से कन्नी काट रहे हैं। अगर इन विस्थापितों को भाजपा ने टिकिट थमाया तो पार्टी में भितरघात का भय भी भाजपा के बड़े नेताओं को सता रहा है। मुख्यमंत्री दूसरे दल छोडक़र आए विधायकों को इस यात्रा में तवज्जों भी दे रहे हैं वहीं भाजपा में ही रूसवाई पाले नेताओं को मनाने का प्रयास चल रहा है।

टिकट की चाह में दूसरे दलों से भाजपा में गए बड़े नेताओं के घर वापसी के संकेत भी मिल रहे हैं। विपक्षी दलों में बिखराव के चलते भाजपाई प्रदेश में पुन: सत्तारूढ़ होने के प्रति अति विश्वास पाले हुए हैं। इनेलो व जजपा के बीच सुलह को लेकर खाप पंचायतों के आगे आने से भाजपा सहित दूसरे सभी दलों में भय पैदा हो गया है। यदि इन दोनों दलों में विलय हो जाता है तो प्रदेश के सियासी माहौल में यकायक परिवर्तन संभव है।

इस यात्रा के जरिये फीडबैक लिया जा रहा है। हालांकि प्रदेश भाजपा द्वारा 75 पार का नारा दिया जा रहा है लेकिन यह नारा भाजपाईयों के कम ही गले उतर रहा है,भाजपा के बड़े नेता दबी जुबान में 45-50 सीटों पर आकर ठहर जाते हैं।

सं शर्मा

वार्ता

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