IndiaPosted at: Dec 6 2018 7:48PM बच्चे ढूँढ़ेंगे स्थानीय समस्याओं के हल, ‘आइडियेट’ चुनौती शुरू
नयी दिल्ली 06 दिसंबर (वार्ता) सरकार ने स्कूली बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने तथा उन्हें स्थानीय समस्याओं के हल ढूँढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘आइडियेट फॉर इंडिया’ चुनौती की शुरू की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहाँ इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये कहा कि डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए आम आदमी की भागीदारी जरूरी है। युवाओं के भारत को अवसर चाहिये। अवसर मिलता है तो लगन और प्रतिभा सामने आती है। यह परिवर्तनकारी पहल है।
‘आइडियेट फॉर इंडिया - क्रियेटिव सॉल्यूशंस यूजिंग टेक्नोलॉजी’ कार्यक्रम में छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चे हिस्सा ले सकते हैं। वे राष्ट्रीय ई-प्रशासन विभाग की वेबसाइट एनईजीडीडॉटजीओवीडॉटइन या जिटलइंडियाडॉटजीओवीडॉटइन पर पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद छात्रों को अपने आस पास समस्याओं की पहचान कर उनका समाधान ढूँढ़ना होगा। समाधान के बारे में 90 सेकेंड का वीडियो बनाकर इन वेबसाइटों पर अपलोड करना होगा।
वीडियो के आधार पर हर राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश से 10-10 छात्रों का चयन किया जायेगा। इन छात्रों को दक्षिण, पूर्व, उत्तर, पश्चिम और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आयोजित होने वाले पाँच बूट शिविरों में मेंटरों द्वारा समाधान को प्रोटोटाइप में बदलने का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
प्रोटोटाइप तैयार होने के बाद छात्र वापस अपने इलाकों में जाकर उन समाधानों के क्रियान्वयन का प्रयास करेंगे। आखिरी चरण के लिए देश भर से 50 छात्रों का चयन किया जायेगा। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर नयी दिल्ली में अपने समाधान के प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
श्री प्रसाद ने कहा कि जब समाधान में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होता है तो वह रचनात्मक समाधान बन जाता है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक समाधान का समावेशी और आम लोगों को सशक्त करने वाला होना जरूरी है। साथ ही यह ऐसा होना चाहिये जो नये आयाम खोले।
अजीत संजीव
वार्ता