जयपुर, 23 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने आज विधानसभा में बताया कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराये जाने के लिए राज्य सरकार और विभाग की तरफ से समय-समय पर आदेश एवं परिपत्र जारी किए गए है।
श्री डोटासरा ने प्रश्न काल में विधायक मुकेश कुमार भाकर के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य को लेकर न तो कोई आदेश एवं परिपत्र जारी किया गया है और न ही विभागीय शिक्षकों को गैर-अनुमत, गैर शैक्षणिक कार्य के लिए बाध्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराये जाने के लिए समय-समय पर अभ्यावेदन ज्ञापन प्राप्त होते रहे हैं इनको ध्यान में रखते हुए शिक्षकों से गैर-अनुमत, गैर-शैक्षणिक कार्य नहीं कराये जाने के लिए मुख्य सचिव, विभागीय शासन सचिव एवं निदेशक द्वारा आदेश एवं परिपत्र जारी किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत दस वर्षीय जनगणना, आपदा राहत व विभिन्न प्रकार के चुनाव कार्यो में शिक्षकों को लगाया जा सकता है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक पदों के अतिरिक्त वित्त विभाग की सहमति से विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति से पदस्थापन के लिये विभिन्न संवर्गो के पद निर्धारित किये गये हैं, जिन पर शिक्षकों को लगाया जाता है।
उन्होंने शिक्षा एवं शैक्षणिक व्यवस्था संचालन की दृष्टि से आवश्यक कार्यो में सक्षम स्वीकृति से लगाया जा सकता है। उन्होंने विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने सदन में यह भी आश्वस्त किया कि विधानसभा क्षेत्र लाडनू में यदि किसी शिक्षक से प्रतिनियुक्ति कर गैर शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा है और यदि ध्यान में लाया जाता है तो उसे निरस्त कराया जाएगा।