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शहरों में स्वच्छता और व्यवस्था चाहिए, पर गरीब की रोजी-रोटी का इंतजाम जरूरी: शिवराज

शहरों में स्वच्छता और व्यवस्था चाहिए, पर गरीब की रोजी-रोटी का इंतजाम जरूरी: शिवराज

भोपाल, 22 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहरों में स्वच्छता और व्यवस्था चाहिए, पर गरीब की रोजी-रोटी का सही इंतजाम सर्वोपरि है।

श्री चौहान नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जन-कल्याण और सुराज अभियान में प्रदेश के 24 नगरों में 1056 करोड़ रुपये की लागत से किए गए 69 विकास कार्यों के आज यहां मिंटो हॉल में आयोजित वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में उद्योग स्थापित हों पर इसके साथ ही हाथठेला वालों के लिए भी उचित व्यवस्था हो। शहरों की प्लानिंग में छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों, ठेले वालों के लिए स्थान निर्धारित किया जाना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 15वें वित्त आयोग की 299.40 करोड़ की राशि का सिंगल क्लिक से 402 नगरीय निकायों को वितरण किया। लोकार्पित कार्यों में सीवरेज परियोजना, पेयजल योजना, बस स्टेण्ड विकास, कमर्शियल कॉम्पलेक्स, उद्यानों का विकास, ट्रेफिक मैनेजमेंट, लायब्रेरी, शाला भवन, सोलर एनर्जी और प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित आवास परिसर शामिल हैं। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत नगरीय निकाय जारी ग्रांट का उपयोग स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल पूर्ति, और जल संरक्षण पर करेंगे।

कार्यक्रम कन्या-पूजन और मध्यप्रदेश गान के साथ आरंभ हुआ। केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक कृष्णा गौर, प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रदेश के सभी 407 नगरीय निकाय कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने विभागीय गतिविधियों तथा भविष्य की योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी, अमृत योजना, पीएम आवास तथा पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं ने नगरीय विकास को नए आयाम और नई गति प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का भारत निर्माण हम सभी की जिम्मेदारी है। प्रदेश में नगरीय विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन के सुखद परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

श्री चौहान ने कहा कि शहरों का आकार लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश की 30 प्रतिशत से ज्यादा आबादी अब शहरी क्षेत्र में रह रही है, यह संख्या और बढ़ेगी। शहरों को गंदगी, प्रदूषण, बीमारी, अपराध और मा‍फिया मुक्त बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। शहरी क्षेत्र में सर्वोच्च प्राथमिकता स्वच्छता की है। स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्य है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश ने एक पायदान की छलांग लगाकर लगातार देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इंदौर शहर ने चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर का स्थान प्राप्त किया है। भोपाल देश की स्वच्छतम स्व:संवहनीय राजधानी है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में राष्ट्रीय स्तर पर 11 अवार्ड मध्यप्रदेश को मिले हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 296 निकाय ओडीएफ प्लस आए हैं। इंदौर को देश का पहला वॉटर प्लस शहर होने का गौरव प्राप्त हुआ है। 300 से अधिक शहरों में स्त्रोत पर ही 100 प्रतिशत कचरे का पृथककरण, परिवहन व प्र-संस्करण तथा 75 प्रतिशत ठोस अपशिष्ठ का पुनर्चक्रण किया जा रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवास एक बड़ी जरूरत है। हमने संकल्प लिया है कि झुग्गीमुक्त शहरों के लिए हरंसभव प्रयास किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी पक्की छत हो, इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर सक्रिय है। माफिया से मुक्त कराई गई जमीनों पर गरीबों के मकान बनाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों के प्रयासों से शहरों के स्वरूप में बदलाव आया है। शहरों में व्यवस्थित जलापूर्ति परियोजनाएँ पूर्ण की गई हैं। सीवरेज प्रणाली को विकसित कर कार्यशील बनाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना में लगभग 58 हजार आवास शहरी गरीबों के लिए बनाए गए हैं। शहरों में रात्रिकालीन आश्रय स्थलों और दीनदयाल रसोई योजना की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन शहरों में सीवेज या जलापूर्ति के कार्य के संबंध में सड़कों की खुदाई हो, वहाँ सड़कों को तत्काल सुधारना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि नगरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बसों की संख्या को बढ़ाया गया है। नगरीय निकायों द्वारा प्रदाय की जा रही सभी नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। ऑनलाइन भवन अनुज्ञा में लगने वाली समय-सीमा को 30 दिन से घटाकर 15 दिन किया गया है। कम्पाउंडिंग के संबंध में भी संशोधन पारित किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि आम नागरिकों को राहत देने की दृष्टि से सभी अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में बन रही कॉलोनियों तथा भविष्य में बनने वाली कॉलोनियों में जो बिल्डर मूलभूत सुविधाएँ नहीं देगा, उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। सम्पत्ति कर और जल दर के संबंध में भारत सरकार के निर्देशानुसार आवश्यक संशोधन किए गए हैं।

श्री चौहान ने लोकार्पित विकास कार्यों से जुड़े हितग्राहियों से वर्चुअली संवाद किया। इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना की हितग्राही गायत्री भगोरे तथा मीना अहिरवार से बात की। इसी प्रकार उज्जैन स्मार्ट सिटी द्वारा 35 करोड़ की लागत से निर्मित नूतन स्कूल परिसर की प्रभारी प्राचार्य ऊषा डोर और वहां अध्ययनरत विद्यार्थी के पालक रवि नामदेव से चर्चा की। बुरहानपुर में नगरीय विकास के कार्यों के संबंध में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, पूर्व महापौर अनिल भोंसले और पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता की जिन्दगी में खुशहाली आए, इसके लिए हम निरंतर कार्य करते रहेंगे। आर्थिक संकट की स्थिति में भी विकास की गति में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना की कठिन परिस्थितियों के बाद भी नगरीय विकास की गतिविधियों को प्रभावित नहीं होने दिया गया। कोरोना नियंत्रण में है, पर अभी भी प्रदेश में कुछ केस मिल रहे हैं। अत: निरंतर सतर्कता आवश्यक है। हाल ही में फैल रहे डेंगू का मूल कारण स्वच्छता और जल जमाव है। उन्होंने प्रदेशवासियों से डेंगू से बचाव के उपायों का निरंतर पालन करने की अपील की।

श्री चौहान ने प्रदेशवासियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रदेश की शहरी जनसंख्या के 85 प्रतिशत लोगों को टीके का पहला डोज़ लग चुका है। टीकाकरण महाअभियान 27 सितम्बर को पुन: आयोजित किया जा रहा है। जिन लोगों को अभी टीका नहीं लगा है वे स्वयं अनिवार्य रूप से टीका लगवाएँ और अपने परिजनों और परिचितों का भी टीकाकरण सुनिश्चित करें।

बघेल

वार्ता

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