पंचकूला, 29 जनवरी(वार्ता) हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है कि विश्व के इतिहास का अध्ययन करने से पता चलता है कि कोई भी देश प्रगतिशील, समृद्धशाली, सभ्य तथा सुसंस्कृत तभी हो सकता है जब वहां के नागरिक शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होगें।
श्री आर्य ने पंचकूला जिले के पिंजौर में विराट नगर स्थित गुरूदेव ब्रह्मर्षि आश्रम में विश्वात्मा बावरा जी महाराज के जयंती महोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये ये उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बावरा जी महाराज आधुनिक युग की उन विशिष्ट विभूतियों में से एक थे जिन्होंने तप, योग और अध्यात्म को ही जीवन का लक्ष्य मान कर मानवता की सेवा का प्रण लिया। उन्होंने लगातार 50 वर्षों तक देश-विदेश के 150 विश्वविद्यालयों में ब्रह्मविद्या, वैदिक सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। उनके विभिन्न विषयों पर 85 ग्रंथ प्रकाशित हुये। धर्म, संस्कृति और योग प्रचार के क्षेत्र में ब्रह्मर्षि जी का नाम न केवल देश और प्रदेश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ सम्मान के साथ लिया जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि ब्रह्मर्षि ने वेदों का अध्ययन कर वैदिक पद्धति के अनुसार योग शिक्षा के स्कूल और कॉलेज भी शुरू किए जिनमें आधुनिक शिक्षा के साथ मानव जीवन के अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व की शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुख का भागी न बनना पड़े, ऐसी कामना की। उन्होंने आश्रम के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षण संस्थाओं में गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर शिक्षित करें ताकि वे भी देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने युवाओं को माता-पिता, गुरूजनों, जन्मभूमि, मातृभाषा एवं भारतीय संस्कृति का आदर करने और अनुशासन, शिष्टाचार एवं नैतिक मूल्यों को जीवन में उतारने की नसीहत भी दी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अध्यात्मिक प्रचार प्रसार के लिए संचालित लाईव टीवी चैनल तथा दिव्य लोक प्रकाशन पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय ब्रहर्षि मिशन की अध्यक्ष कृष्ण कांता ने सम्बोधित किया।