IndiaPosted at: Jun 13 2018 5:53PM क्लैट मामले में 400 छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
नयी दिल्ली 13 जून (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने विधि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश संबंधी ऑनलाइन परीक्षा ‘कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट’ (क्लैट) में तकनीकी समस्याओं के कारण पूरी परीक्षा नहीं दे पाने वाले कम से कम 400 अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक देने का आज आदेश दिया।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन खंडपीठ ने इन छात्रों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस) को अतिरिक्त अंक के आधार पर 16 जून तक नयी मेधा सूची तैयार करने के आदेश दिये।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संशोधित मेधा सूची ऑनलाइन परीक्षा में तकनीकी दिक्कतों की शिकायत करने वाले 400 छात्रों के अंकों में अतिरिक्त अंक जोड़कर ही तैयार की जानी चाहिए।
अवकाशकालीन पीठ ने शिकायतकर्ता छात्रों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा में शामिल छात्रों की पहली सूची के आधार पर पहले चरण की काउंसलिंग जारी रहेगी, लेकिन दूसरी चरण की काउंसलिंग संशोधित सूची के आधार पर की जायेगी और यह सूची 16 जून तक तैयार कर ली जानी चाहिए।
गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में गठित समिति द्वारा सुझाये गये फार्मूले के आधार पर करीब 400 छात्रों को अतिरिक्त अंक दिये जा सकते हैं। इन छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा के दौरान तकनीकी समस्याओं की शिकायतें की थी।
उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने गत सोमवार को क्लैट 2018 की फिर से परीक्षा कराने का आदेश देने या देश के 19 प्रतिष्ठित विधि महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया रोकने का आदेश देने से इन्कार कर दिया था। यह परीक्षा 13 मई को हई थी और इसमें तकनीकी खामियों का आरोप लगाते हुए शिकायतें की गई थीं।
अवकाशकालीन खंडपीठ ने (एनयूएएलएस) द्वारा गठित शिकायत समाधान समिति को 15 जून तक इन शिकायतों पर गौर करने तथा परीक्षा के दौरान छात्रों ने जो समय गंवाया उसकी भरपाई के लिए सामान्यीकरण फॉर्मूला लागू करने का समय दिया।
समिति ने सुझाव दिया था कि तकनीकी खामियों की वजह से जिन छात्रों ने समय गंवाया है उन्हें इस बात पर ध्यान देते हुए कि ऑनलाइन परीक्षा के दौरान उन्होंने कितने सही और कितने गलत जवाब दिए, क्षतिपूरक अंक दिये जा सकते हैं। कुल 258 केन्द्रों पर आयोजित क्लैट 2018 की प्रवेश परीक्षा में 54450 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।
परीक्षा के फौरन बाद देश के छह उच्च न्यायालयों और शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें आरोप लगाया गया था कि ऑनलाइन परीक्षा के दौरान विसंगतियां और तकनीकी खामियां आईं थी। इसमें परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई थी।
सुरेश टंडन
वार्ता