लखनऊ, 01 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संचारी रोगों में उपचार से अधिक बचाव का महत्व है और जल जनित एवं विषाणु जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए साफ-सफाई के साथ-साथ स्वच्छता को अपनाया जाना आवश्यक है।
श्री योगी ने यह विचार सोमवार को यहां लोक भवन में संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के दूसरे चरण के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जल जनित और विषाणु जनित रोगों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि साफ-सफाई की जाए तथा स्वच्छता को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन का जो अभियान चलाया, वह वेक्टर जनित रोगों के खिलाफ भी एक अभियान है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण और शहरी इलाकों में अभियान चलाकर बड़ी संख्या में शौचालय बनवाए गए। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को फाॅगिंग के लिए 10 हजार रुपए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने दस्तक चैम्पियन्स को सम्मानित किया।
श्री योगी ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार कार्य योजना बनाकर काम कर रही है। जनजागरण और जनसहभागिता के माध्यम से जनस्वास्थ्य की गंभीर चुनौतियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है। उन्होंने स्वयं एक सांसद के रूप में इन्सेफेलाइटिस के खिलाफ सड़क से संसद तक आवाज उठायी। उन्होंने कहा कि पिछले साल संचारी रोग नियंत्रण तथा दस्तक अभियानों के अत्यन्त उत्साहजनक परिणाम सामने आए और हमें दिमागी बुखार की रोकथाम में अभूतपूर्व सफलता मिली।
श्री योगी ने कहा कि दिमागी बुखार के रोगियों की संख्या में 35 प्रतिशत की कमी 01 वर्ष में आयी। वहीं इस रोग के कारण होने वाली मौतों की संख्या में 65 प्रतिशत तक की कमी आयी है। साथ ही, अन्य संचारी रोगों के प्रकोप में भी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने इसके लिए यूनीसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा स्वयंसेवी संगठनों के कार्यों की सराहना की।