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शाह चिटफंड मामले में दृष्टिकोण साफ करें-भूपेश

शाह चिटफंड मामले में दृष्टिकोण साफ करें-भूपेश

कोरबा, 18 अप्रैल (वार्ता) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से चिटफंड मामले में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने की मांग की है।

श्री बघेल यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री शाह ने उड़ीसा में भाजपा सरकार बनने पर चिटफण्ड घोटाले के आरोपियों को नब्बे दिन में जेल भेजने का वायदा किया है। लेकिन छत्तीसगढ़ में उनका नजरिया अलग है। उन्होंने श्री शाह से चिटफण्ड कंपनी के मामले में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री उनके परिजन और भाजपा नेताओं ने चिटफण्ड कंपनी के कार्यालयों का उद्घाटन किया और एजेन्टों को रोजगार प्रमाण पत्र बांटा। छत्तीसगढ के लोगों का सैकड़ों करोड़ इन कंपनियों में फंसा है। उच्चतम न्यायालय की गाईड लाईन के बाद भी लोगों का भुगतान नहीं किया गया। भाजपा इस मामले में दोहरा मापदण्ड अपना रही है।

बस्तर से भारतीय जनता पार्टी के इकलौते विधायक भीमा मण्डावी की हत्या की सी.बी.आई.जांच कराने की मांग पर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस मामले की न्यायिक जांच कराना चाहती है। 09 अप्रैल की घटना के दूसरे दिन 10 अप्रैल को निर्वाचन आयोग को अनुमति के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है। निर्वाचन आयोग से अनुमति के अभाव में न्यायिक जांच नहीं हो पा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शराब बंदी करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी के लिए जन-जागरण जरूरी है। समाज के सहयोग से ही सरकार शराब बंदी कर सकती है। दो स्तर पर योजना बनायी गयी है। राजनीतिक दल के लोगों की एक कमेटी अन्य प्रदेशों में जाकर अध्ययन करेगी। जहां पहले शराब बंदी हुई और जहां बाद में निर्णय वापस लिया गया, वहां कमेटी के सदस्य जायेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 85 विकास खण्ड केन्द्र सरकार की पांचवी अनुसूची में शामिल है। यहां की ग्राम सभा में निर्णय के बिना शराब बंदी नहीं की जा सकती। इसीलिए जनजागरण और समाज का सहयोग आवश्यक है।

सं नाग

वार्ता

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