शिमला, 09 अगस्त (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में तीन से अधिक स्थानों पर बादल फटने और अचानक आयी बाढ़ से चार जल विद्युत परियोजनाओं में बिजली उत्पादन कार्य ठप हो गया ।
इन परियोजनाओं से 3212 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।इसके अलावा बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पांच दो स्थानों पर अवरुद्ध हो गया । पुरबानी को जोड़ने वाले तांगलिंग पुल भी बह गया है। कानम नामक स्थान पर बाढ़ की चपेट में आने से एक पिकअप वाहन भी बह गया।
कल रात किन्नौर जिला के ऊपरी इलाके कानम, मूरँग नाला, तंगलिंग और सांगला घाटी के टोंगतोंगचे नाला में बादल फटने के बाद आयी बाढ़ में अधिक मात्रा में गाद आने से जल विद्युत परियोजनाओं को बंद करना पड़ा है। सतलुज नदी में अधिक गाद के कारण एक हजार मैगावट की करछम वांगतू, बास्पा नदी में बनी 300 मेगावाट की बास्पा चरण दो, सतलुज नदी में बनी 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट की रामपुर हाइड्रो परियोजना से बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया है।
गाद अधिक होने के कारण करछम और नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए है जिससे सतलुज नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सतलुज तट के आसपास लोगों को न जाने की सलाह दी है और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है।
राष्ट्रीय उच्च मार्ग किन्नौर के स्पिलो और शासो खड्ड के मध्य अवरुद्ध है। रिब्बा नाला और रूंग नाला में जलस्तर बड़ गया है। ऊपरी क्षेत्र में बारिश लगातार जारी है। कुछ स्थानों पर बाढ़ के कारण सेब के बागीचों को भी क्षति पहुँची है। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है। किन्नौर और रामपुर पुलिस ने नदी तट के लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा है।
सं शर्मा
वार्ता