त्रिवेंदरम, 25 जुलाई (वार्ता) स्पोर्ट्स अथॉरिटी के अंतर्गत संचालित लक्ष्मी बाई शारीरिक शिक्षा विज्ञान संस्थान, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) एवं केरल विश्विद्यालय के संयुक्त तत्वधान में तीन दिवसीय खेल आयोजन, खेल प्रबंधन और योग पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन त्रिवेंदरम में किया गया।
इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शोधकर्ताओं ने नवीनतम शोध निष्कर्ष प्रस्तुत करने और उभरती प्रौद्योगिकियों का वर्णन करने के लिए एक आदर्श शैक्षणिक मंच साझा किया। सम्मेलन का उद्घाटन डॉ ए.जय तिलक, केरल सरकार के प्रमुख सचिव, खेल और युवा मामलों और योजना विभाग ने किया।
कार्यक्रम में अपने शोध को प्रस्तुत करते हुए फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन ने खेल प्रबंधन में फिजिकल एजुकेशन शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पांच हजार साल पुरानी हमारी शिक्षा की समृद्ध परंपरा रही है। सदियों से शारीरिक शिक्षा ही मूल शिक्षा है। आज सूचना क्रांति के युग में नित नए प्रयोग शारीरिक शिक्षा एवं खेलों में हो रहे हैं।
डॉ. पीयूष जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय कुछ ऐसे शिक्षा कार्यक्रम विकसित किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षक स्वयं अपना शैक्षिक ज्ञान बढ़ा पा रहे हैं लेकिन अभी और प्रयास किये जाने चाहिए। संसाधनों की कोई कमी नहीं है क्रियान्वयन सही करना है, उसके बाद परिणाम सकारात्मक ही मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत कोच खेल विज्ञान की कमी के चलते वैज्ञानिक शोध का लाभ खिलाड़ियों को नहीं दे पाते। इस शिक्षा का उद्देश्य एक छात्र को स्वस्थ शरीर, मन और आचरण का प्रशिक्षण देना है। स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मन रखने के लिए, एक छात्र को नियमित शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है। उन्होंने खेलों के प्रबंधन पर कहा कि चरित्र निर्माण में खेल का आयोजन,प्रबंधन और अच्छा होगा जो स्वास्थ बहुत जरूरी है। इस सेमिनार में अपने शोध विषय पर पेफी के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार उप्पल ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर केरल सरकार के साथ-साथ पूरे देश के शारीरिक शिक्षा और खेल कूद से जुड़े अन्य गणमान्य लोगों ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी के अंतर्गत संचालित लक्ष्मी बाई शारीरिक शिक्षा विज्ञान महाविद्यालय के साथ ट्रॉय विश्वविद्यालय से जुड़े गणमान्य अतिथियों ने अपने अपने शोध प्रस्तुत किये। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में 150 से अधिक पेशेवर और खेल और व्यायाम विज्ञान, योग और प्रबंधन के विशेषज्ञों ने भाग लिया।