नयी दिल्ली, 31 जनवरी (वार्ता) छह बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने गुरूवार को कहा कि खिलाड़ियों को डोपिंग की दलदल में धकेलने के लिए कई बार कोच भी जिम्मेदार होते हैं और कोचों को भी जागरूक किये जाने की सख्त जरूरत है।
मैरीकॉम ने खेल और युवा मामलों के मंत्रालय के सहयोग से नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) और फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय एंटी डोपिंग विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में कहा, “कोचों को भी जागरूक करने की जरूरत है। कोई-कोई कोच एथलीटों को गलत दिशा में ले जाता है। कोच जागरूक होंगे तो डोपिंग के मामले कम होंगे।”
पिछले साल अपना छठा विश्व खिताब जीतने वाली मैरीकॉम ने कहा, “एथलीट भी जल्द कामयाबी हासिल करने के लिए डोपिंग का सहारा लेते हैं लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि इससे उनका पूरा करियर बर्बाद हो जाता है।”
मैरीकॉम ने केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल की मौजूदगी में कहा, “नाडा को खिलाड़ियों को कोई जानकारी दिए बिना स्टेडियम और उनके हॉस्टल का दौरा करना चाहिए, उन्हें खिलाड़ियों के कमरों में बहुत कुछ मिलेगा। ऐसे दौरों से खिलाड़ी भी जागरूक होगा और डोप लेने से बचेगा।”
चैंपियन मुक्केबाज ने कहा, “आज बाजार में सप्लीमेंट्स और इंजेक्शन मिलते हैं जो खिलाड़ियों को नुकसान पहुंच सकते हैं। खिलाड़ियों को इन चीजों से बचाना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि बड़े खेल आयोजन में किसी भी खिलाड़ी के पकड़े जाने से पूरे देश की बदनामी होती है।”
मैरीकॉम ने कहा कि वह अपने पूरे करियर में डोपिंग से दूर रही हैं और वह कोई भी दवा अपने डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेती हैं। खिलाड़ी को कोई भी दवा संभल कर लेनी चाहिए क्योंकि खासी-जुखाम की दवा में भी प्रतिबंधित प्रदार्थ हो सकते हैं।
राजधानी में चल रहे राष्ट्रीय शिविर से कुछ समय निकाल कर सम्मेलन में पहुंचीं ओलम्पिक पदक विजेता मुक्केबाज ने साथ ही कहा कि वह जब तक खेलेंगी देश का नाम रौशन करेंगी।