नयी दिल्ली, 21 फरवरी (वार्ता) कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में जनवरी के अंत तक 20,153 करोड़ रुपये रुपये का पूंजीगत व्यय किया गया था।
यह वार्षिक 21,030 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लक्ष्य के 95.83 प्रतिशत के बराबर है और मार्च के अंत तक यह लक्ष्य से ऊपर भी जा सकता है।
कोयला मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में, कोयला क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) ने भरपूर तरीके से पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लक्ष्यों को प्राप्त किया है।
वित्त वर्ष 2021-22 में, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और नैवेली लिग्नाइट कोल इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) ने अपने लक्ष्य का क्रमशः 104.88 प्रतिशत और 123.33 प्रतिशत पूंजीगत व्यय किया था। वित्त वर्ष 2022-23 में इसी तरह का प्रदर्शन दोहराते हुए इन उपक्रमों ने क्रमश: लक्ष्य के लगभग 113 प्रतिशत के बराबर पूंजीगत खर्च किया। पूंजीगत खर्च क्षमता बनाए रखने और बढ़ाने में सहायक होता है।
इस तरह चालू वित्त वर्ष में भी कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में पूंजीगत निवेश वार्षिक लक्ष्य से अधिक होने की संभावना है।
मनोहर, उप्रेती