जयपुर, 14 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के वन राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने आज विधानसभा में कहा कि सांभर झील क्षेत्र में प्रवासी पक्षियाें की मौत के बाद भविष्य में प्रभावी कार्रवाई एवं निगरानी रखने के लिए राज्य सरकार ने राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण तथा अंतर्विभागीय स्टेंडिंग कमेटी का गठन किया है।
श्री विश्नोई ने प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में विस्तृत जांच की गई है। पक्षियों की मृत्यु का कारण एवियन बोटुलिज्म पाया गया। इस प्रकार की त्रासदी से पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ने के कोई अधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत की वन विभाग, पशुपालन विभाग, नगरपालिका नावां एवं सिविल डिफेंस टीम ने संयुक्त रूप से परीक्षण किया। टीम ने पक्षियों की गिनती की, मृत पक्षिओं को दफनाया और पक्षियों को बचाया भी गया।
उन्होंने कहा कि सांभर झील तीन जिलों अजमेर, जयपुर और नागौर में फैली हुई है। अजमेर में एक भी पक्षी की मौत नहीं हुई। जयपुर जिले से सबसे पहले सूचना मिली और वहां सबसे पहले टीम भेजी गई। उन्होंने कहा कि सांभर क्षेत्र की जमीन वन विभाग की नहीं है, बल्कि राजस्व भूमि है, जिसका कुछ भाग सांभर साल्ट को तथा कुछ भाग चंद्रा कंपनी को होटल बनाने के लिए लीज पर दिया गया है।
इससे पहले विधायक निर्मल कुमावत के मूूल प्रश्न के जवाब में श्री विश्नोई ने बताया कि सांभर झील में गत वर्ष में प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों की मौत हुई हैं। गत 10 नवम्बर को स्थानीय सूत्रों से सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग तथा वन विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से क्षेत्र का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की गई। जोरा
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