राज्यPosted at: Jun 10 2020 4:36PM त्रिपुरा में शिक्षकों की नियुक्ति की जांच के लिए गठित की गयी समिति
अगरतला 10 जून (वार्ता) त्रिपुरा सरकार ने अवैध रूप से शिक्षकों की नियुक्ति मामले की जांच के लिए पूर्व विधि सचिव गौतम देबनाथ की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। आयोग का काम इस मामले की जांच कर दोषियों का पता लगाना है।
त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि मई 2014 में उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने सरकारी स्कूलों में 10,323 शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया था। न्यायालय ने शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का हवाला देते हुए इसे रद्द करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
उच्चतम न्यायालय ने मामले की कई चरणों तक चली सुनवाई के बाद शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के त्रिपुरा उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को 31 मार्च को इन शिक्षकों की सेवा को समाप्त करने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के बाद लॉकडाउन के दौरान जीविका चलाने के लिए प्रत्येक शिक्षक को 35 हजार रुपये की एक मुश्त राशि दी थी। शिक्षक लगातार प्रदर्शन कर राज्य सरकार से उनके लिए अन्य विकल्प तलाशने की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने इस संबंध में शिक्षकों को आश्वासन दिया है और मामला विचाराधीन है। लेकिन शिक्षकों की बड़ी संख्या को देखते हुए उम्मीद कम है।
रवि जितेन्द्र
वार्ता