खेलPosted at: Jul 12 2018 9:54PM प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने चेस फेडरेशन पर लगाया जुर्माना
नयी दिल्ली 12 जुलाई (वार्ता) प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने गैर-मान्यता प्राप्त प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से खिलाड़ियों को रोकने के मामले में ऑल इंडिया चेस फेडरेशन पर 6.92 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है तथा निर्देश दिया है कि वह शतरंज प्रतियोगिताओं को मान्यता देने के स्पष्ट नियम बनाये।
आयोग ने चार शतरंज खिलाड़ियों की शिकायत पर शुरू की गयी जाँच के बाद यह आदेश दिया है। इन खिलाड़ियों ने शिकायत की थी कि फेडरेशन ने उन पर ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने पर कार्रवाई की है जिन्हें फेडरेशन की ओर से मान्यता नहीं मिली हुई थी।
जाँच में पाया गया कि देश में पेशेवर शतरंज प्रतियोगिताओं के आयोजन तथा खिलाड़ियों की सेवा के मामले में ऑल इंडिया चेस फेडरेशन का दबदबा है। आयोग ने पाया कि गैर-मान्यता प्राप्त आयोजनों पर फेडरेशन के प्रतिबंध तथा खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के कारण शतरंज खिलाड़ियों पर अंकुश लगा हुआ था और खिलाड़ी तथा प्रतियोगिताओं के संभावित आयोजक अनुचित नुकसान की स्थिति में थे। आयोग ने खिलाड़ियों पर इन अंकुशों को बेतुका माना और कहा कि शतरंज प्रतियोगिताओं के आयोजकों को बाजार में पहुँच से रोका जा रहा है।
उसने फेडरेशन पर जुर्माना लगाने के साथ ही यह निर्देश भी दिया कि वह इन ‘प्रतिस्पर्द्धा विरोधी’ आचरणों से बाज आये। उसने शतरंज प्रतियोगिताओं को मान्यता देने के लिए ऐसी प्रक्रिया तथा पैमाना तय करने का आदेश दिया है जो खेल के हित में हों। साथ ही यह भी कहा गया है कि फेडरेशन इन पैमानों को बिना किसी भेदभाव के पारदर्शी तरीके से लागू करेगी।
उससे प्रतिस्पर्द्धा में बाधा नहीं पहुँचाने और देश में शतरंज के विकास को बढ़ावा देने के सभी उपाय करने के लिए कहा गया है। साथ ही खिलाड़ियों पर किसी कार्रवाई से पहले उनका पक्ष पूरी तरह सुनने की भी हिदायत दी गयी है।
अजीत उनियाल
वार्ता