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कॉनकोर के कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ कमर कसी

कॉनकोर के कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ कमर कसी

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (वार्ता) केन्द्र सरकार के उपक्रम भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकोर) के कर्मचारियों ने कंपनी के निजीकरण के खिलाफ कमरकस ली है और 28 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का एलान किया है।

कॉनकोर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनय कुमार चौधरी और संयुक्त सचिव देवाशीष मजूमदार ने यहां एक विज्ञप्ति में बताया कि कॉनकोर का देश के लॉजिस्टिक क्षेत्र में लगभग 75 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और कुछ 83 टर्मिनलों सहित 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है जो उसने स्वयं अर्जित की है जबकि 30.8 प्रतिशत शेयर बेचने से केवल 10780 करोड़ रुपए ही प्राप्त होंगे।

उन्होंने कहा कि 1989-90 में 65 करोड़ रुपए की पूँजी से शुरू हुई यह कंपनी सरकार को आठ हजार करोड़ रुपए से अधिक कमा कर दे चुकी है। कंपनी का कुल कारोबार 2018-19 में 7216.14 करोड़ रुपए और कुल लाभ 1689 करोड़ रुपए रहा। कंपनी का बाजार मूल्य 35 हजार करोड़ रुपए है जो रेलवे के समर्पित मालवहन गलियारे के पूरा बनने के बाद एक लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। कॉनकोर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से दस लाख से अधिक लोगों को रोज़गार प्रदान करता है और कंपनी के विनिवेश के फैसले से इतने ही परिवार प्रभावित होंगे।

उन्हाेंने बताया कि कॉनकोर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ी है। करंसी नोट, परमाणु ईंधन और रक्षा संबंधी संवेदनशील सामग्री के परिवहन का दायित्व भी कॉनकोर उठाता है। ऐसे में इस कंपनी का निजीकरण देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालना है।

उन्होंने कहा कि कंपनी के कर्मचारी देश भर में धरना प्रदर्शन एवं काली पट्टी बांध कर काम करके सरकार के फैसले के विरुद्ध रोष व्यक्त कर रहे हैं। इसी क्रम में 28 नवंबर को कॉनकोर के सभी कार्यालयों एवं टर्मिनलों में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार देशविरोधी नीति और कॉनकोर के शेयरों की रणनीतिक बिक्री के निर्णय को तुरंत वापस ले।

सचिन, उप्रेती

वार्ता

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