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कांग्रेस और वाम दलों ने युवाओं के सामने आए नौकरी के मौके आंदोलन की आग में झोंक दिये : सुशील

कांग्रेस और वाम दलों ने युवाओं के सामने आए नौकरी के मौके आंदोलन की आग में झोंक दिये : सुशील

पटना 13 जनवरी (वार्ता) बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर छात्रों को गुमराह कर कांग्रेस और वामपंथी दलों ने न सिर्फ देश के बड़े विश्वविद्यालयों को हिंसा और उपद्रव के हवाले किया बल्कि गरीब युवाओं को नौकरी के अवसर से भी वंचित कर दिया ।

श्री मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर छात्रों को गुमराह कर कांग्रेस और वामपंथी दलों ने देश के कुछ बड़े विश्वविद्यालयों को जिस तरह से हिंसा और उपद्रव के हवाले किया, उससे न केवल गरीब छात्रों के दाखिले रुके बल्कि देश-विदेश की दर्जन-भर कंपनियों को कैंपस प्लेसमैंट कैंप टालने पड़े। उन्होंने कहा कि गरीबों का नाम लेकर राजनीति करने वालों ने गरीब युवाओं के सामने आए नौकरी के सैंकड़ों मौके आंदोलन की आग में झोंक दिये।

उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “दुनिया में जहां भी वामपंथी सत्ता में आये, वहां लोकतंत्र समाप्त हो गया । ये लोग भारत में और भारत के विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र की दुहाई देकर लोकतांत्रिक उदारता का बेजा लाभ उठाते हुए राजनीतिक गतिविधियां चलाते हैं लेकिन जैसे ही ये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), जामिया और विश्वभारती जैसे किसी विश्वविद्यालय पर कब्जा करते हैं, दूसरों को बोलने नहीं देकर लोकतंत्र की ही हत्या करते हैं । केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में राज्यपाल और विश्वभारती में सांसद को बोलने से रोकना कहां का लोकतंत्र है । लोकतंत्र बचाने की नौटंकी करने वालों ने विश्वविद्यालयों में हुई इन घटनाओं पर चुप्पी क्यों साध ली।”

श्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट कर कहा, “राजद के जो नेता सामान्य वर्ग के युवाओं को 10 फीसद आरक्षण देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का विरोध कर अपना जनाधार खो चुके हैं, वे असली मुद्दे उठाने के बजाय पार्टी में अपना राजनीतिक वजूद बचाने के लिए आपस में तलवारबाजी कर रहे हैं । दोनों ही "जयकारा पार्टी " में शामिल हैं। कोई सुप्रीमो का खास बन रहा है, तो कोई युवराज का। सामान्य वर्ग के लोग इनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में सबक सिखा चुके हैं।”

शिवा सूरज

वार्ता

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