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कांग्रेस का संविधान बनाने में योगदान-गहलोत

कांग्रेस का संविधान बनाने में योगदान-गहलोत

जयपुर 29 नवंबर (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस का लम्बा इतिहास बताते हुए कहा है कि कांग्रेस सौ साल तक भी खत्म नहीं हो सकती।

श्री गहलोत आज विधानसभा में भारतीय संविधान को सत्तर वर्ष पूर्ण होने पर संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर चर्चा में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का लम्बा इतिहास रहा है और उसके नेताओं का संविधान बनाने में योगदान रहा है। उन्होंने भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि संविधान बनाने में आपका कोई योगदान नहीं था। उन्होंने कहा कि अब कहा जा रहा है पचास साल राज करेंगे, करो लेकिन वोट के आधार पर करो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एक नीति है और वह सौ साल तक समाप्त नहीं हो सकती, उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस मुक्त की बात करने वाले मुक्त हो जायेंगे लेकिन कांग्रेस कभी मुक्त नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को गुमराह करने का प्रयास किया रहा है। देश किस दिशा में जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गलत बोले, सब जानते है, चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विदेश जाने से देश का मान सम्मान बढ़ा रहा है, क्योंकि पिछले कई वर्षों की कांग्रेस की तपस्या है, तब बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि क्या चार साल में ही देश का सारा विकास हो गया। कांग्रेस का लम्बा इतिहास है। उन्होंने राष्ट्रवाद पर कहा कि जिस रुप में बात की जाती है उसमें संविधान की मूल भावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि आजादी के लिए लम्बा संघर्ष चला और उसमें लाल लाजपतराय, विपिनचंद्र, लोक मान्य बालगंगाधर तिलक, भीमराव अम्बेडकर, जवाहर लाल नेहरु, वल्लभ भाई पटेल आदि लम्बा इतिहास है लेकिन आज नेहरु जैसे लोगों के बारे में सोशल मीडिया पर क्या आ रहा है। उन्होंने इसे जैसी सोच का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अम्बेडकर के कांग्रेस से विचार नहीं मिलते थे, तभी मिलकर काम करते थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी एवं अटल बिहारी वाजपेयी हार गये थे, लेकिन यह लोकतंत्र है।

श्री गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी आईटी लेकर आये जबकि डा मनमोहन सिंह आधार कार्ड लेकर आये। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहते एफडीआई का विरोध किया जबकि अब खुद ला रहे है।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी है तो मूमकीन है। उन्होंने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाने का अधिकार किसी को नहीं है। उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी के कारण देश में 150 लोगों की मौत हो गई और इससे लोग बर्बाद हो गये और आज राजस्व कम हो गया। देश की आर्थक स्थिति खराब है और जीडीपी घटती जा रही है। उन्होंने एनआरसी के बारे में कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू करना चाहते है लेकिन इसमें सर्वे से करोड़ों रुपए खर्च होंगे और असम वाली स्थिति पूरे देश में हो जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आज तक नहीं हुआ कि दो राज्यसभा के उपचुनाव अलग अलग हुए हो। यह संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है, मोदी है तो मुमकीन है। उन्होंने कहा कि देश में आरएसएस की चल रही है। श्री गोविंदाचार्य ने कहा था कि वाजपेयी तो मुखौटा है, पीछे कोई और है। श्री गहलोत ने कहा कि ये संविधान को मानते ही नहीं, मजबूरी में मान रहे है।

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि संविधान की मूल भावना को कैसे अपनाये और इसे लेकर कैसे आगे बढ़े तथा देश हित में सोचने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूरी जनता ने उन्हें गले लगाया तब वह मुख्यमंत्री बने है।

जोरा

वार्ता

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