नयी दिल्ली 19 सितम्बर (वार्ता) विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को विपक्षी दल कांग्रेस पर तीन तलाक को लेकर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुये कहा कि वह राज्यसभा में इससे जुड़े विधेयक को पारित कराने पर सहयोग नहीं कर रही है और इस कारण सरकार को तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने के लिए अध्यादेश का सहारा लेना पड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आज यहाँ हुई बैठक में तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दी गयी। श्री प्रसाद ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी देने के क्रम में कहा “हमने कांग्रेस को (तीन तलाक पर) साथ लेने की बहुत कोशिश की। मैं स्वयं (संसदीय कार्यमंत्री) श्री अनंत कुमार के साथ राज्यसभा में कांग्रेस के नेता और उपनेता से मिला। पहले तो श्री गुलाम नबी जी ने कहा कि उनके पास समय नहीं है, बाद में वह मामले को टालते रहे। वोट बैंक के दबाव में कांग्रेस ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक का समर्थन नहीं किया।”
उन्होंने “पूरी जिम्मेदारी के साथ” आरोप लगाया कि सोनिया गाँधी जैसी वरिष्ठ नेत्री के नेतृत्व के बावजूद कांग्रेस महिलाओं के प्रति इस अत्याचार पर खामोश है। उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष श्रीमती गाँधी से अगले संसद सत्र में राज्यसभा में तीन तलाक संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक का समर्थन करने की अपील की।
श्री प्रसाद ने कहा “सोनिया जी, यह अध्यादेश देश हित में है, नारी को इंसाफ दिलाने के लिए है। वोट बैंक से उठकर, नारी हित में आप इसका समर्थन करें।” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी तथा बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती से भी विधयेक के समर्थन की अपील की।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जनवरी 2017 से 13 सितम्बर 2018 तक देश में तीन तलाक के कुल 430 मामले सरकार के संज्ञान में आये हैं। इनमें सबसे ज्यादा 246 मामले उत्तर प्रदेश के हैं। इस दौरान मध्य प्रदेश में तीन तलाक के 37, झारखंड में 35, महाराष्ट्र में 27, बिहार में 19, असम में 11, तेलंगाना में 10, जम्मू-कश्मीर में सात, गुजरात और हरियाणा में चार-चार तथा छत्तीसगढ़ और दिल्ली में एक-एक मामला सामने आया है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का आज का फैसला नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी समानता के लिए है, हालाँकि अध्यादेश जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा। दुनिया के 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक पहले की प्रतिबंधित है। भारत जैसे धर्म निरपेक्ष देश में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले पर राज्यसभा में कांग्रेस की भूमिका से सभी परिचित हैं। वह सहयोग नहीं कर रही।