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कांग्रेस के सांसदों ने एमएसपी की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री से किया पीएम से मिलने का आग्रह

कांग्रेस के सांसदों ने एमएसपी की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री से किया पीएम से मिलने का आग्रह

चंडीगढ़, 29 जनवरी(वार्ता) केन्द्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की नीति की समीक्षा के बाद केन्द्र को की गई सिफ़ारिश को पंजाब के किसानों के लिए गंभीर ख़तरा मानते हुए पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से आग्रह किया है कि वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर इस नीति की समीक्षा न करने को कहें ।

बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी भाग लिया । यह बैठक आज केंद्र सरकार के साथ जुड़े विभिन्न मसलों और अगले वित्त वर्ष के लिए बजट प्रस्तावों पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। पंजाब के सांसदों ने फैसला किया कि मुख्यमंत्री कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों से होने वाले खतरों के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत करवाना चाहिए। सांसदों का मानना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नीति में किसी भी तरह बदलाव राज्य के लिये नुकसानदेह होगा ।

सतलुज यमुना लिंक नहर मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सांसदों को अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) बिल -2019 की धारा 12 के उपबंध में संशोधन करने के लिए दबाव बनाने के लिए कहा ताकि पंजाब के जल संसाधनों की रक्षा की जा सके।

प्रवक्ता ने बताया कि बैठक के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि पंजाब भवन, दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा अधिकारी तैनात किये जाएंगे जो सांसदों के साथ तालमेल करने के अलावा उनके साथ पंजाब से सम्बन्धित मसलों संबंधी भी जानकारी साझा करेंगे। राज्य से जुड़े मसलों में और अधिक प्रभावशाली हस्तक्षेप को यकीनी बनाने के लिए यह ज़रूरी है।

बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य और खरीद पर विचार-विमर्श के समय खाद्य एवं सार्वजनिक उपभोक्ता मामले की ओर से केंद्रीय पूल के अनाज भंडार खाली करने के साथ सम्बन्धित पंजाब के खाद्य विभाग के एक नोट का हवाला दिया गया ताकि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गेहूँ और धान की ढीली खरीद से राज्य को पेश समस्याओं को विचार किया जा सके।

भारतीय खाद्य निगम और राज्य की खरीद एजेंसियों द्वारा राज्य से हरेक महीने अनाज (गेहूँ और चावल) की ढुलाई का औसत पिछले कुछ महीनों के दौरान 11.7 लाख टन रहा जबकि पिछले सालों के दौरान यह औसत लगभग 15-16 लाख टन पर रहता था। अनाज उठाने की गति धीमी होने के कारण पंजाब अपेक्षित जगह की कमी से जूझ रहा है जिससे आने वाले महीनों में चावल का वितरण और अगले सीजन में धान की खरीद पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।

विभाग ने राज्य केंद्रीय पूल के अनाज भंडार को तुरंत खाली करने के लिए भारत सरकार के दख़ल की माँग की है और इस मसले को प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष भी उठाया जा चुका है। सांसदों ने कहा कि भंडार की गई गेहूँ की गुणवत्ता को खतरा होने के मद्देनजऱ केंद्रीय पूल के अनाज को तुरंत राज्य से उठाने के लिए केंद्र पर दबाव डालेंगे। राज्य सरकार सांसदों के ज़रिये धान के विकल्प के तौर पर मक्का की काश्त को प्रोत्साहित करने के मामले को लगातार उठाती रहेगी।

शर्मा

वार्ता

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