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नव निर्मित संसद भवन के उदघाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किये जाने के विरोध में कांग्रेस का धरना

नव निर्मित संसद भवन के उदघाटन समारोह में राष्ट्रपति  को आमंत्रित नहीं किये जाने के विरोध में कांग्रेस का धरना

रांची,28 मई (वार्ता)झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में यहां स्थानीय बिरसा चौक पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा के समक्ष आज नव निर्मित संसद भवन के उदघाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किये जाने के विरोध में धरना दिया गया ।

धरने का नेतृत्व स्वयं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने किया। इस धरना कार्यक्रम में झारखंड कॉंग्रेस नेता विधायकदल सह ग्रामीण एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।उनके साथ कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर पूर्व विधायक ममता देवी उपस्थित हुईं l

धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि देश की संसद लोकतंत्र का मंदिर है और राष्ट्रपति संसद का प्रथम अंग हैं ।उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समारोह से दूर रखा गया।इसके उद्घाटन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर दिया गया है।यह आरएसएस की दलित आदिवासी विरोधी मानसिकता है जिसके कारण उन्हें उस सम्मान से वंचित रखा जाता है जो उनके उच्च संवैधानिक पद के हकदार हैं।उनका जानबूझकर दरकिनार किया जाना यह दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी एवं प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपनी चुनावी राजनीति के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करेंगे, लेकिन उन्हें ऐसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसरों का हिस्सा नहीं बनने देंगे।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की विडंबना देखिये एक आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री जिन्हें संसदीय प्रक्रियाओं लोकतांत्रिक मूल्यों स्थापित परंपराओं से नफरत है वो अपने सनक और सत्ता के अहंकार से देश को संचालित करने की इच्छा के तहत सब कुछ बरबाद करने पर तुले हुए हैं और इस बात नहीं समझ पा रहे है। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह उद्घाटन की बात छोड़ दीजिए बतौर अतिथि भी राष्ट्रपती आमंत्रित नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है इसकी जितनी निंदा की जाये कम है।

धरना को संबोधित करते हुए नेता विधायकदल सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि देश संविधान प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखने का काम हो रहा है राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है। उन्होंने कहा यह देश संविधान से ही चलना चाहिए एकतंत्र से नहीं । कांग्रेस विधायक दल के नेता श्री आलम ने कहा कि देश के 140 करोड़ भारतीय यह जनाना चाहते हैं कि राष्ट्रपति से उनका हक छीनकर आप क्या जताना चाहते हैं lधरना को संबोधित करते हुए आदिवासी कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जोसाय मारडी ने कहा की आज पूरा देश का आदिवासी एवं दलित समाज मर्माहत है भाजपा एवं प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी प्रथम आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू का अपमान किया है। संविधान के अनुच्छेद 79 के प्रावधानों को अनदेखा किया है। इस बात को लेकर हम आदिवासी कॉंग्रेस के लोग झारखंड के एक- एक आदिवासी गांव एक -एक पंचायतों में जाएंगे ।लोगों बताने का काम करेंगे की भाजपा आदिवासी समाज को सिर्फ चुनावी फायदे के समय याद रखती है वहीं समय आने पर अधिकारों से वंचित करती है l

धरना कार्यक्रम को कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर पूर्व विधायिका ममता देवी मोर्चा संगठन विभाग प्रभारी रविंद्र सिंह प्रदेश प्रदेश अनुशासन समिति सदस्य शमशेर आलम महासचिव विनय सिन्हा दीपू,अमुल्य नीरज खलखो, राकेश सिन्हा प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, डॉ एम तौसिफ , प्रदेश सचिव कमल ठाकुर, अमरेंद्र सिंह, सोशल मीडिया संयोजक गजेंद्र सिंह, वरिष्ठ कॉंग्रेस नेत्री रमा खलखो, ओ बी सी विभाग के अध्यक्ष अभिलाष साहू, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष केदार पासवान जिला अध्यक्ष चैतू उरांव, रवि मिश्रा ने भी संबोधित किया।

विनय

वार्ता

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