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कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र जारी, बजरंग दल और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का किया वादा

कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र जारी, बजरंग दल और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का किया वादा

बेंगलुरू, 02 मई (वार्ता) कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को चुनावी घोषणापत्र जारी किया जिसमें हिंदूवादी संगठन बजरंग दल और कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को नफरत फैलाने वाले संगठन बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया गया है।

घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।

घोषणापत्र में कहा गया है, “हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है और बजरंग दल, पीएफआई जैसे व्यक्तियों और संगठनों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। ये संगठन बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा दे रहे है। अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है, तो वह उन पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेगी।”

पार्टी ने सत्ता में आने के एक साल के भीतर, राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मौजूदा सरकार द्वारा पारित सभी अन्यायपूर्ण कानूनों और अन्य जनविरोधी कानूनों को निरस्त करने का भी वादा किया।

घोषणापत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में चुनाव प्रचार के दौरान दी गई पांच गारंटियां जिनमें गृह ज्योति (सभी को 200 यूनिट मुफ्त बिजली का), गृह लक्ष्मी (परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक), अन्न भाग्य (पसंद का 10 किलो अनाज - चावल, रागी, ज्वार, बाजरा - बीपीएल परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को), युवा निधि (बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए भत्ते के रूप में हर महीने 1,500 रुपये), और शक्ति (नियमित केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में पूरे राज्य में सभी महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा) शामिल हैं।

कांग्रेस ने अनुसूचित जाति (एससी) ,अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) अल्पसंख्यक और लिंगायत और वोक्कालिगा जैसे अन्य समुदायों की आशाओं और आकांक्षाओं को समायोजित करने के लिए आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का संकल्प लिया। पार्टी ने कहा कि वह एससी के लिए 15 से 17 फीसदी और एसटी के लिए तीन से सात फीसदी आरक्षण बढ़ाने और चार फीसदी के अल्पसंख्यक आरक्षण को बहाल करने और लिंगायत, वोक्कालिगा और अन्य समुदायों हेतु आरक्षण बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इनके अलावा पार्टी ने कई वादे किये, जिनमें कांग्रेस सरकार द्वारा कराई गई सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना का विमोचन करना , विधायिका के प्रथम सत्र में न्यायमूर्ति सदाशिव आयोग की रिपोर्ट पेश करना ,जाति के आधार पर बदनाम करने को दंडनीय अपराध बनाना, मुस्लिम, ईसाई, जैन, बौद्ध और अन्य समेत अल्पसंख्यक कल्याण के लिए धन का आवंटन बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करना और डॉ. अबुल कलाम आजाद वक्फ संपत्ति विकास निगम का गठन करना शामिल हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार गठन के पहले दिन कैबिनेट की पहली बैठक में ये सभी वादे पूरे किए जाएंगे।

जांगिड़, यामिनी

वार्ता

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