नयी दिल्ली 09 सितम्बर (वार्ता) पेट्रोलियम एवं आम उपभोक्ता वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों और अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की रिकार्ड गिरावट को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया है तथा इसे वह केंद्र में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)नीत सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ संयुक्त विपक्ष की मजबूती के रूप में देख रही है।
कांग्रेस ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी को आम जन से 11 लाख करोड़ की ‘लूट’ करार दिया है जिसे पेट्रोलियम पदार्थों पर उत्पाद कर एवं अन्य करों के नाम पर वसूला जा रहा है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में इस वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता को मजबूती देने के प्रयासों के तहत कांग्रेस भारत बंद को लेकर विभिन्न विपक्षी दलों से समर्थन हासिल करने में लगी है। बहुत से विपक्षी दलाें ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है, जिनमें वामदलों के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , समाजवादी पार्टी, जनता दल(सेक्युलर), राष्ट्रीय जनता दल और द्रमुक शामिल है। तृणमूल कांग्रेस ने हालांकि 10 सितम्बर को भारत बंद को अपना समर्थन दिया है लेकिन उसका कहना है कि वह बंद के साथ ही पश्चिम बंगाल में रैलियां भी निकालेगी।
कांग्रेस पेट्रोल और डीजल को मूल्य एवं सेवा कर(जीएसटी)के दायरे में लाये जाने की भी मांग कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसा किये जाने से इन पदार्थों की कीमतों में कम से कम 15 रुपये प्रति लीटर की कमी आयेगी।
टंडन, यामिनी
वार्ता