लखनऊ 29 जून (वार्ता) लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुये कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश से व्यथित उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे देने शुरू कर दिये है।
इस सिलसिले में शनिवार को कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता और अनुशासन समिति के सदस्य दीपक सिंह समेत कई पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे दिये। श्री गांधी को भेजे इस्तीफे में श्री सिंह ने लिखा “ आप अपने इस्तीफे पर अड़े हैं तो हमें भी अपने पद पर रहने का कोई औचित्य नहीं। पार्टी द्वारा सौंपी गयी जिम्मेदारियों नेता विधान परिषद दल उप्र(सीएलपी) एवं महामंत्री उप्र कांग्रेस कमेटी से त्यागपत्र देता हूं। आपसे सादर अनुरोध है कि आप अपना इस्तीफा वापस लें अन्यथा हम इससे बड़ा कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। ”
कांग्रेस विधानमंडल दल की उपनेता एवं महामंत्री अराधना मिश्रा‘मोना’, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रणजीत सिंह जूदेव, उपाध्यक्ष डाॅ आरपी त्रिपाठी, महामंत्री एवं पूर्व विधायक सतीश अजमानी, महामंत्री एवं पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, महामंत्री हनुमान त्रिपाठी, महामंत्री एवं प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी, विभाग एवं प्रकोष्ठ प्रभारी वीरेन्द्र मदान, संगठन मंत्री शिव पाण्डेय, सचिव एवं प्रवक्ता पंकज तिवारी, प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह, प्रवक्ता डाॅ मंजू दीक्षित, सोशल मीडिया इंचार्ज संजय सिंह ने श्री गांधी के पक्ष में अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में मीडिया विभाग के कोआर्डिनेटर राजीव बख्शी, ज्वाइन्ट मीडिया कोआर्डिनेटर पीयूष मिश्रा, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं प्रवक्ता ओंकारनाथ सिंह, महामंत्री विनोद मिश्रा, अशोक सिंह, अमरनाथ अग्रवाल, डा उमाशंकर पाण्डेय, डा हिलाल अहमद नकवी, सिद्धिश्री, मुकेश सिंह चौहान, अंशू अवस्थी, प्रदीप सिंह, रफत फातिमा, शुचि विश्वास, सदफ जाफर, सचिन रावत, विशाल राजपूत, अभिषेक राज,यशवन्त सिंह, प्रियंका गुप्ता डा अनूप पटेल और रवीन्द्र सिंह ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इस बीच कानपुर में पार्टी के जिलाध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री के नेतृत्व में कांग्रेसियाें ने कचहरी स्थित गांधी प्रतिमा पर अनशन कर श्री गाँधी से कांग्रेस और देशहित में इस्तीफा न देने की मांग की। उन्होने कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेस और देश में राहुल गाँधी का कोई विकल्प नहीं है। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता श्री गाँधी के नेतृत्व से पूरी तरह संतुष्ट है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश के गरीबो, किसानों, मजदूरों के साथ साथ समाज के हर तबके के लोगों के लिए जो संघर्ष श्री गाँधी ने किया है वह कोई दूसरा नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि चुनाव में जो हार हुई है वह अप्रत्याशित और हैरान करने वाली है जनता को आज भी भरोसा नहीं है फिर भी जो हार हुई है उसकी अकेले जिम्मेदारी श्री गाँधी की नहीं बल्कि पार्टी के हर नेता की है। अगर श्री गाँधी अपने इस्तीफे का फैसला वापस नहीं लेंगे तो देश जिस संकट में फंस गया है उसे दूसरा कोई बचा नहीं सकता।
प्रदीप
वार्ता