भोपाल, 11 अक्टूबर(वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यावरण और वन्य जीवों की रक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने पर विचार होना चाहिए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री कमलनाथ आज मंत्रालय में राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की अठारहवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को वन्यप्राणी क्षेत्रों के आसपास के रहवासियों और पर्यटन के दृष्टिकोण से एक समन्वित नीति बनाने को कहा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के टाइगर स्टेट होने के गौरव को पर्यटन के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए इसे व्यापक रूप से प्रचारित करने के निर्देश दिए। बैठक में तय किया गया कि वन्यप्राणी क्षेत्रों के संरक्षण विकास आदि पर विचार करने के लिए एक उप समिति बनायी जाएगी। जिसमें विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि हम वन्यप्राणी क्षेत्रों के निवास और पर्यावण संरक्षण के लिए पूरी सजगता और सतर्कता से काम करें, अगर हमने इसकी अनदेखी की तो हम आने वाले समय में अपनी इन प्राकृतिक संपदा को गंवा बैठेगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय वन उद्यानों के आसपास के रहवासियों को सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बताते हुए कहा कि हमें इनके साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए। इससे हम इन क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकेंगे। उन्होंने लोगों में वन्य जीवों के प्रति जागरुकता लाने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को पूरे विश्व में सर्वाधिक टाइगर होने का गौरव हासिल है। इसे हमें पर्यटन प्रोत्साहित करने की दृष्टि से उपयोग करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हम एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार नई दिल्ली में करें और इसके जरिए हम अपने प्रदेश के वन्य क्षेत्रों का आकर्षक तरीके से प्रस्तुतिकरण करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही वन्य और पर्यटन विभाग प्रस्ताव तैयार करें।
मुख्यमंत्री ने इसी तरह भोपाल में राष्ट्रीय उद्यानों के विकास के लिए भी एक सम्मेलन करने को कहा जिसमें देश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों के संचालकों को आमंत्रित कर भविष्य में आने वाली चुनौतियों की पहचान कर उनके संभावित उपायों पर विचार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने वन और वन्यप्राणी क्षेत्रों को पर्यटन के लिए बेहतर उपयोग किया है उससे हमें सीखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणी बोर्ड को सार्थक बनाने के लिए इसमें राष्ट्रीय उद्यानों और अन्य बफर जोन को संरक्षित और विकसित करने के लिए विजनरी बोर्ड का स्वरूप देने को कहा कि बोर्ड में हमें उन मुद्दों पर विचार करना है जिससे हम प्रदेश के वन्य क्षेत्रों और वन्यप्राणी क्षेत्रों को उचित तरीके से विकास कर उन्हें सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि बैठक में तात्कालिक रूप से उठाए जाने वाले मुद्दों और दीर्घकालीन योजनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
बैठक में वन मंत्री एवं बोर्ड के उपाध्यक्ष उमंग सिंघार, मुख्य सचिव एस.आर.अपर मुख्य सचिव वन ए.पी. श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव एवं प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम फैज अहमद किदवई, विधायक संजय उईके, फुन्देलाल सिंह मार्को एवं ऑब्जर्व रिसर्च फाउन्डेशन के रसीद किदवई, वन्य प्राणी विशेषज्ञ वाल्मिक थापर तथा कृष्ण कुमार सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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