झांसी 03 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजयशंकर पांडेय ने कहा कि बुंदेलखंड में हस्तशिल्प और लघु उद्याेगों के उन्नयन और संरक्षण के लिए लगातार प्रयास जरूरी हैं।
यहां आयुक्त सभागार में बुन्देलखंड क्षेत्र (झांसी मंडल) की सांस्कृतिक, साहित्यक, एतिहासिक व अन्य विरासत के संकलन, संरक्षण, अनवेषण एवं शोध के लिए गठित समितियों में से एक ‘हस्तशिल्प एवं उद्योग धंधों से संबंधित विंग की बैठक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें उन्होंने कहा कि हस्तकला एक ऐसी विद्या है जिसे मुख्यत: हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही कलात्मक कार्य किये जाते हैं। ऐसी कलाओं का सांस्कृतिक महत्त्व होता है। भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है। यहां दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुएँ भी कोमल कलात्मक रूप में गढ़ी जाती हैं। इस महत्व को दृष्टिगत रखते हुए बुंदेलखंड में हस्तशिल्प व लघु उद्योग धंधों के उन्नय व संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किये जायें।
बैठक के दौरान बुन्देलखंड क्षेत्र में संचालित हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों की स्थिति पर चर्चा हुई। प्रतिभागियों ने बताया कि झांसी मंडल के कुछ क्षेत्रों में हैण्डलूम संचालित थे परन्तु समय के साथ-साथ उनके उत्पादन स्तर में गिरावट आई है। इस क्षेत्र के निवासी मूलत: कृषि व्यवसाय पर ही आश्रित हैं परन्तु प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित न होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। झांसी मंडल के जनपद ललितपुर के ब्लाक जखौरा में पीतल के बर्तन व स्मृति चिन्ह बनाये जाने का कारोबार किया जाता है। झांसी की मऊरानीपुर तहसील व ललितपुर जनपद के कुछ हिस्सों में हथकरघा का कार्य प्रचलन में है परन्तु संरक्षण के बिना ये लुप्त होने की कगार पर है।
मंडलायुक्त ने बताया कि हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए मंडल स्तर पर ‘हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों की समिति गठित की जायेगी। इस समिति में संबंधित विषय के विषय विशेषज्ञ, रूचि रखने वाले प्रबुद्ध नागरिकों/उद्यमियों को सम्मलित किया जायेगा। यह समिति झांसी मण्डल के हस्त शिल्प एवं उद्योग धंधों पर दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर सुधार हेतु व्यापक स्तर पर कार्य करेगी। इस दीर्घकालिक कार्ययोजना से कुछ ऐसी गतिविधियों को चुना जाये जो स्थानीय उद्यमियों के सहयोग से व्यापक रूप ले सकें तथा कुछ ऐसी गतिविधियाँ भी चुनकर ऐसे प्रस्ताव बनाये जायें जिससे प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों से वित्त पोषण पर विचार हो सके।
उन्होंने बताया कि समिति का मूल उद्देश्य बुंदेलखंड विशेष रूप से झांसी मण्डल में हस्तशिल्प एवं उद्योगों के विस्तार के लिए सकारात्मक वातावरण सृजित हो तथा यहाँ के शिल्पियों का उन्नयन संभव हो सके। बैठक में सर्वेश कुमार उपाध्यक्ष- जेडीए, डा. नीति शास्त्री, डा. डी.के. भट्ट, धीरज खुल्लर, कामिनी बघेल, प्रदीप प्रजापति, इन्दु शर्मा आदि उपस्थित रहे। बैठक का संचालन मण्डलीय परियोजना प्रबंधक एन.एच.एम./सिफ्सा आनन्द चौबे ने किया।
सोनिया
वार्ता