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बहुचर्चित जवाहर हत्याकांड के आरोपी दोषी करार,सजा चार नवम्बर को

बहुचर्चित जवाहर हत्याकांड के आरोपी दोषी करार,सजा चार नवम्बर को

प्रयागराज, 31 अक्टूबर (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में तीन सगे भाइयों एवं एक अन्य को अपर सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया है। अदालत चार नवम्बर को सजा पर फैसला सुनायेगा।

प्रयागराज में 23 वर्ष पूर्व हुए सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में तीन सगे भाइयों कपिल मुनि करवरिया ,उदय भान करवरिया ,सूरज भान करवरिया और एक अन्य को सेशन कोर्ट ने दोष सिद्ध करार दिया।

अपर सत्र न्यायाधीश बद्री विशाल पांडे ने आरोपित पक्ष करवरिया बंधु एवं शासन के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर यह आदेश दिया।

अदालत चार नवम्बर को अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने 18 अक्टूबर को दोनो पक्षों की अंतिम दलीलें सुनकर 31 अक्टूबर को निर्णय सुरक्षित कर लिया था।

भोजन अवकाश के बाद आरोपित करवरिया बंधु कपिल मुनि करवरिया (पूर्व सांसद), उदय भान करवरिया( पूर्व सदस्य, विधानसभा,) सूरज भान करवरिया (पूर्व सदस्य विधान परिषद स्थानीय निकाय क्षेत्र इलाहाबाद) एवं राम चंद्र

त्रिपाठी उर्फ कल्लू को कड़ी सुरक्षा में सदर लाकअप से लाकर अदालत में पेश किया गया। सभी अभियुक्त नैनी सेन्ट्रल जेल में बन्द हैं। अदालत ने इन सभी को इनके अधिवक्ताओं की उपस्थिति में फैसला सुनाया कि इन सभी पर हत्या

का आरोप पाया जाता है। सजा चार नवंबर को सुनवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि 13 अगस्त 1996 की शाम सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा के पास सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित, ड्राइवर गुलाब यादव, तथा कमल कुमार दीक्षित राहगीर की एके-47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस

घटना में पंकज कुमार श्रीवास्तव एवं कल्लन यादव को भी चोटें आई थी। कल्लन यादव की मृत्यु गवाही शुरू होने से पहले ही हो गई थी। इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका। आरोपपत्र में कपिल मुनि करवरिया ,उदय भान

करवरिया, सूरज भान करवरिया, राम चंद्र त्रिपाठी उर्फ कल्लू तथा श्याम नारायण करवरिया का नाम दर्ज किया गया था।

मुकदमे में अभियोजन की ओर से कुल 18 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाह पेश किए गए हैं। मामले की सुनवाई 2014 से लगातार चल रही है।

अभियोजन और वादी पक्ष की बहस समाप्त होने के बाद बचाव पक्ष की बहस भी समाप्त हो गई। बचाव पक्ष की ओर से विधि व्यवस्था पेश किए जाने का समय मांगा तो अदालत ने मौका दिया।

सं दिनेश त्यागी

वार्ता

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