नयी दिल्ली ,23 अक्टूबर (वार्ता) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कोविड-19 के तहत मिली छूट को समाप्त करते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा दो हजार 318 कैदियों को दो से 13 नवंबर तक चरणबद्ध तरीके से तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
अदालत ने गत 25 मार्च के अपने आदेश को वापस ले लिया जिसके तहत कोरोना महामारी की वजह से अंतरिम जमानत और पैरोल की अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई थी।
अदालत को सूचित किया गया कि सभी कैदियों की कुल संख्या लगभग 10,000 है और आज की स्थिति को देखते हुए जेलों के अंदर 15,900 कैदी हैं। इसके अलावा, जिला अदालतों द्वारा जघन्य अपराधों में शामिल 2,318 अपराधियों को अंतरिम जमानत दी गई थी, जो समय-समय पर 25.03.2020 के आदेशों और बाद में इस अदालत द्वारा दिए गए आदेशों के बाद बढ़ा दी गई हैं। इसके अलावा उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के अनुसार अपराधों में शामिल 2,907 अपराधियों को जमानत दी गई और 356 कैदियों को दिल्ली उच्च न्यायालयों ने अंतरिम जमानत दे दी।
मुख्य न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की युगल पीठ ने सुनवाई के बाद इस आशय का आदेश जारी किया। पीठ ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा के तर्क से सहमत नहीं होते हुए कहा,“ जेलों में कोविड -19 का कोई अधिक प्रसार नहीं हुआ और लगभग 16,000 कैदियों में से तीन कैदी संकमित पाए गए। कोरोना से संक्रमित तीनों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती भी कर दिया गया है। हम 25 मार्च, 2020 को दिए गए अपने आदेश को संशोधित करना उचित समझते हैं।”
संजय जितेन्द्र
वार्ता