श्रीनगर 08 अप्रैल (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि कोरोना टीका की कमी महाराष्ट्र सरकार की महज मनगढंत कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है तथा इसे जिम्मेदार पदों पर आसीन लोगों के बीच वाक युद्ध से समाधान नहीं किया जा सकता।
श्री अब्दुल्ला ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र के बीच कोरोना टीके को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों पर टिप्पणी करते हुए इस आशय की बात कही।
उन्होंने ट्वीट कर कहा,“यह कहना जायज है कि कोविड वैक्सीन की कमी महाराष्ट्र सरकार की मनगढंत कल्पना नहीं है। बल्कि वास्तविकता है, यह गंभीर है और इसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के बीच वाक युद्ध द्वारा हल नहीं किया जा सकता।”
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में कई टीकाकरण केंद्र कोरोनो वायरस के टीकों की कमी के कारण बंद हो रहे हैं और राज्य में अब केवल 14 लाख खुराक बची हैं जो केवल तीन दिनों तक चलेंगी। उन्होंने कहा, “हमें हर हफ्ते 40 लाख वैक्सीन की जरूरत है। फिर हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक का प्रबंध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जो खुराक मिल रही है वह पर्याप्त नहीं है।”
इन आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद जारी बयान में कहा कि राज्यों ने लोगों को ध्यान आकर्षित करने और विचलित करने के लिए ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बयानों के माध्यम से ‘अपमानजनक’ प्रयास करके अपनी ‘विफलताओं’ को छिपाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा,“वैक्सीन की कमी के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सहित राज्यों को अपने परीक्षण और कार्यान्वयन रणनीतियों और टीकाकरण अभियान के कार्यान्वयन में सुधार करने की आवश्यकता है।”
संजय, उप्रेती
वार्ता