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कारोबारी प्रतिस्पर्द्धी माहौल बनाये रखने के लिए कॉर्पोरेट कर घटाया : सीतारमण

कारोबारी प्रतिस्पर्द्धी माहौल बनाये रखने के लिए कॉर्पोरेट कर घटाया : सीतारमण

नयी दिल्ली 02 दिसंबर (वार्ता) सरकार ने आज साफ किया कि अमेरिका और चीन में व्यापार युद्ध के कारण दुनिया भर में तेजी से हो रहे काराेबारी बदलावों के बीच भारत में कारोबारी प्रतिस्पर्द्धी वातावरण बनाये रखने एवं विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट कर में कटौती की गयी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2019’ पर लोकसभा में चली चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 01 अक्टूबर 2019 के बाद पंजीकृत होने वाली और 2023 तक उत्पादन आरंभ करने वाली विनिर्माण कंपनियों को ही कॉर्पोरेट कर में रियायत दी गयी है, बाकी को नहीं छेड़ा गया है। इसका उद्देश्य नया निवेश प्राप्त करना है। यह लाभ छोटी से लेकर बड़ी सभी कंपनियों को मिलेगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह लाभ कंपनी कानून के तहत पंजीकृत कंपनी को मिलेगा। साझेदारी कंपनी या लिमिटेड लाएबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) कंपनी को इसका लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि सेवा क्षेत्र में विदेशी कंपनी के लिए मिनिमम अल्टरनेटिव कर (एमएटी) को 15 प्रतिशत तक रखा जाएगा।

वित्त मंत्री ने अध्यादेश लाने के औचित्य के बारे में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार खुद पहल करने वाली सरकार है और वैश्विक स्तर पर चीन तथा अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के कारण तेजी से बदल रही परिस्थितियों के मद्देनजर देश में कारोबारी प्रतिस्पर्द्धी वातावरण बनाये रखने एवं विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया। इसके लिए अगले बजट तक प्रतीक्षा नहीं की जा सकती थी।

वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदस्यों ने स्पष्टीकरण पूछे। इसके बाद सदन ने विधेयक को पारित कर दिया।

सचिन अजीत

जारी वार्ता

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