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जालंधर लोस उपचुनाव के लिए मतगणना जारी, आप उम्मीदवार आगे

जालंधर लोस उपचुनाव के लिए मतगणना जारी, आप उम्मीदवार आगे

जालंधर, 13 मई (वार्ता) पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट के लिये गत 10 मई को हुये उपचुनाव की आज हो रही मतगणना में राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी(आप) उम्मीदवार सुशील कुमार रिंकू की बढ़त 30 मतों से भी अधिक हो चुकी है तथा वह जीत की ओर बढ़ते नज़र आ रहे हैं। दोपहर 12 बजे तक मतगणना की तस्वीर साफ हो जाएगी।

वहीं इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार करमजीत कौर चौधरी दूसरे स्थान पर हैं। रिंकू को अब तक 1,57, 897 मत मिल चुके हैं और कांग्रेस उम्मीदवार से 30,154 मतों की बढ़त हासिल कर चुके हैं। वहीं करमजीत कौर को 1,27,743 मत मिले हैं। करमजीत कौर कांग्रेस के दिवंगत सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी हैं। श्री चौधरी का गत जनवरी में पार्टी नेता राहुल गांधी की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। कांग्रेस ने इस उपचुनाव में उनकी पत्नी को टिकट दिया था लेकिन वह आप उम्मीदवार से काफी पीछे चल रहीं हैं।

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) उम्मीदवार इंदर इकबाल सिंह अटवाल 82,274 मतों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। शिराेमणि अकाली दल(शिअद)-बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन उम्मीदवार सुखविंदर सिंह सुक्खी 75,916 मत लेकर चौथे स्थान पर है। डा. सुक्खी दो बार के विधायक और पेशे से डॉक्टर हैं। रिंकू चुनाव से ऐन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर आप में शामिल हुये थे। इंदर इकबाल सिंह अटवाल, राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के पुत्र हैं। अब चरणजीत सिंह अटवाल भी शिअद को अलविदा कह कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

मतगणना कपूरथला रोड स्थित निदेशक भू-अभिलेख एवं स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में हो रही है। मतगणना केंद्र के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। इस सीट के लिए चुनाव मैदान में 19 उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य मुकाबला आप, कांग्र्रेस, शिअद और भाजपा उम्मीदवारों के बीच था लेकिन रूझानों पर गौर करें तो यह अब आप और कांग्रेस के बीच ही सिमटता नज़र आ रहा है। चारों दलों के लिये यह चुनाव प्रतिष्ठा की कसौटी है।

भाजपा के लिये पंजाब में सियासत के लिए यह उपचुनाव काफी अहम है। उसने 1997 के बाद पहली बार शिअद से अलग होकर यह चुनाव लड़ा है। वहीं कांग्रेस के अपना गढ़ बचाना चुनौती है। जालंधर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। वह 1999 से लगातार यहां से जीतती रही है।

उपचुनाव को एक साल पुरानी भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार के कार्य प्रदर्शन की परीक्षा के रूप में भी देखा जा रहा है जो मुफ्त बिजली, युवाओं को रोजगार, ठेका कर्मचारियों को नियमित करने तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जैसे अनेक मुद्दों पर सक्रियता से कार्रवाई करने के वादे के साथ सत्ता में आयी थी।

रमेश अशोक

वार्ता

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