नयी दिल्ली 17 अगस्त (वार्ता) भारतीय राजनीति के युगपुरुष रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज शाम यहां यमुना के किनारे पंचतत्व में विलीन हो गये और पूरे देश ने नम आंखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदायी दी, शांतिवन के निकट स्मृति स्थल पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री समेत देश विदेश के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में पूर्ण राजकीय सम्मान से पारंपरिक सनातन रीति से उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक समेत करीब आठ देशों के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में राजनयिकों की उपस्थिति में हजारों लोगों ने नम आंखों से अपने प्रियनेता को अंतिम विदाई दी। श्री वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिवंगत नेता को राष्ट्रीय सलामी और अन्य शीर्ष राजनेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद श्रीमती भट्टाचार्य की पुत्री को सेना ने राष्ट्रध्वज सौंपा।
श्री वाजपेयी के शरीर को चंदन की लकड़ी से सजायी गयी चिता पर रखे जाने के बाद आसमान में उमड़ रहे बादल बरस पड़े और कुछ मिनटों में जमीन को नम करने के बाद शांत हो गये। श्रीमती नमिता कौल भट्टाचार्य ने जैसे ही पिता की चिता को मुखाग्नि दी वैसे ही लोगों की भावनाओं का ज्वार उफनने लगा और ‘अटल बिहारी वाजपेयी अमर रहें’, ‘भारत माता की जय’ एवं ‘वंदे मातरम’ के नारों से आसमान गूंज उठा। श्री वाजपेयी के भांजे एवं सांसद अनूप मिश्रा ने अंतिम संस्कार की विधि में अपनी बहन को सहयोग दिया।
अंत्येष्टि स्थल के पास बने एक मंच पर 20 से अधिक वेदपाठी ब्राह्मण लगातार मंत्रोच्चार करते रहे।
अंतिम संस्कार के कई घंटे पहले ही स्मृति स्थल पर लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। लेकिन सड़कों पर वीवीअाईपी मूवमेंट के कारण यातायात रोक देने के कारण परेशानी के बावजूद लोग उमसभरी गर्मी की परवाह ना करके वहां पहुंचे।
दोपहर सवा दो बजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मुख्यालय से शुरू हुई अंतिम यात्रा करीब डेढ़ घंटे बाद लगभग तीन बजकर 50 मिनट पर स्मृति स्थल पहुंची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी, युवा सांसद अनुराग ठाकुर समेत कई अन्य नेता पूरी अंतिम यात्रा में पैदल चले। सफेद कुर्ता और पैजामा पहने श्री मोदी पसीने से तरबतर होने पर रुमाल से बार बार अपने चेहरे को साफ कर रहे थे । इस असाधारण दृश्य को देखकर सड़कों के किनारे खड़े लोग विस्मित थे।
सचिन सत्या
जारी वार्ता