राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 5 2019 8:05PM न्यायालय ने दिया सरकारी आवास खाली कराने की पॉलिसी बनाने का निर्देश
प्रयागराज,05 दिसम्बर (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तबादले या सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों ,अधिकारियों द्वारा सरकारी आवास खाली नहीं करने पर सख्त रूख अपनाया है।
न्यायालय ने ऐसे लोगों से आवास खाली कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि सरकारी आवास खाली न करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाय।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को सरकारी आवास खाली करने या अवधि बढ़ाने की यूनिफार्म पॉलिसी बनाने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि आवास खाली नहीं कराने के लिए जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाय । न्यायालय ने कहा है कि आदेश की प्रति मुख्य सचिव को अनुपालनार्थ भेजी जाय।
न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी ने सहायक अध्यापक राकेश कुमार की याचिका पर दिया है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार दो माह में सभी जिला प्राधिकारियों से अवधि बीत जाने के बाद भी सरकारी आवास खाली न करने वाले कर्मचारियों की जानकारी लेकर अगले एक माह में आवास खाली करा लिया जाय।
गौरतलब है कि सहायक अध्यापक छोटे लाल यादव की प्रोन्नति के साथ तबादला कर दिया गया। आवास लंबे समय तक खाली न करने पर वेतन रोक दिया गया। वही आवास याची को आवंटित कर दिया गया। लेकिन खाली न होने के कारण उसे कब्जा नहीं मिला।
आवास खाली न करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं की गयी। अदालत की सख्ती के बाद आवास खाली हुआ और याची को दिया गया। न्यायालय ने कहा है कि ऐसे लोगों से मुआवजा वसूल किया जाना चाहिए। अदालत ने उच्चतम न्यायालय के लोक प्रहरी केस में दिये गए निर्देशो का पालन कराने का निर्देश दिया है और साथ ही यूनिफार्म पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया है।
सं त्यागी
वार्ता