भारतPosted at: Jan 10 2020 6:04PM जम्मू कश्मीर में इंटरनेट रोक पर न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक: कांग्रेस
नयी दिल्ली, 10 जनवरी (वार्ता) कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में धारा 144 लागू करने तथा इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत था और जनहित में पार्टी ने इस फैसले को न्यायालय में चुनौती दी थी।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि सरकार को राज्य में धारा 144 लागू करने तथा इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने के कारणों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। इंटरनेट सेवा बंद करने का कोई वाजिब कारण हाेना चाहिए था लेकिन जब जम्मू कश्मीर में सरकार ने इस सेवा पर पाबंदी लगायी तो उसका कोई आधार नहीं बताया।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष चार अगस्त को जब जम्मू कश्मीर में यह धारा लागू की गयी थी और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी तब वहां आपात जैसी कोई स्थिति नहीं थी और धारा 144 को लागू करने का कोई ठोस आधार नहीं था इसलिए सरकार को वहां यह धारा नहीं लगानी चाहिए थी और ना ही इंटरनेट सेवा बंद करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि धारा 144 का इस्तेमाल आवाज दबाने के लिए नहीं किया जा सकता और ना ही इंटरनेट सेवा को बेवजह लम्बी अवधि के लिए बंद किया जा सकता है।
इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का जम्मू कश्मीर का हर निवासी इंतजार कर रहा था। शीर्ष न्यायालय ने साफ किया है कि सरकार को पांच अगस्त 2019 को राज्य में धारा 144 लागू करने तथा इंटरनेट सेवा बंद करने को लेकर जो आदेश दिया था उसे प्रकाशित करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार पहले इंटरनेट प्रतिबंध के फैसले को सही ठहराने का प्रयास कर रही थी लेकिन सच्चाई यह है कि यह फैसला जम्मू कश्मीर के लोगों के खिलाफ था जिसके जरिए उनके इतिहास और संस्कृति को रौंदा जा रहा है।
अभिनव, उप्रेती
जारी वार्ता