शिमला, 11 जनवरी (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने प्रदेश सरकार को आगाह किया है कि यदि सरकार हिमपात के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति से निपटने के लिये तत्काल उचित कार्यवाही नहीं करती तो पार्टी सरकार की लचर व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन के लिये मजबूर होगी ।
पार्टी के सचिव मंडल सदस्य संजय चैाहान ने आज यहां कहा कि प्रदेश तथा शिमला शहर में बर्फबारी से निपटने में सरकार और नगर निगम पूरी तरह से विफल रही है। प्रदेश सरकार, नगर निगम व जिला प्रशासन के बर्फबारी से निपटने के सारे दावे धरे के धरे रह गए हैं।
उन्होंने आज यहां कहा कि हिमपात के चार दिन बीतने के बावजूद जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी में जनजीवन अस्त व्यस्त हैं । न तो सड़क व रास्ते खोले गए हैं और न ही शहर की जीवन रेखा माने ने वाली बस सेवा अभी सुचारू रूप से चल पा रही हैं। मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कार्यालय व अपने व्यवसाय के लिए अधिकांश लोगों को पैदल ही जाना पड़ा है।
श्री चौहान ने कहा कि शिमला शहर में ही पिछले दिनों में इस अव्यवस्था के कारण दो लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोगों को गम्भीर चोटें आई है। शिमला शहर का प्रदेश के अधिकांश इलाकों से आज भी संपर्क टूटा हुआ है। विशेष रूप से शिमला शहर के ऊपरी इलाकों में अभी तक सड़क,बिजली, पानी आदि मूलभूत आवश्यकताओं को बहाल नहीं किया गया है।
उनके अनुसार सरकार अभी तक मुख्य मार्ग तक नहीं खोल पायी है । अंदरूनी इलाकों में तो व्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई है। चैापाल, रोहड़ू, जुब्बल, कोटखाई, नारकंडा, ठियोग, रामपुर, किन्नौर आदि अधिकांश क्षेत्रों में बिजली व पानी की व्यवस्था ठप पड़ी है जिससे इन क्षेत्रों में लोगो को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
माकपा ने मांग की कि प्रदेश सरकार व शिमला व अन्य क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी आदि मूलभूत आवश्यकताओं को तुरंत बहाल करने के लिए कदम उठाए ताकि जनता की इस परेशानी को दूर किया जा सके। सरकार प्रशासन को इस बर्फबारी से हुई क्षति का जायजा लेने का आदेश दे और तुरंत मुआवजा प्रदान करे।
सं शर्मा
वार्ता