झांसी 20 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने साधन सहकारी समितियों के महत्व को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि समितियां हमारी जड़ व पूंजी हैं, हमारी पहुंच प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर तक है। हमारी विश्वसनीयता ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, इसलिए विश्वास को विकसित करें।
सहकारिता मंत्री यहां पैरामेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में जिला सहकारी बैंक लिमिटेड झांसी की 53वीं वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष अपने को किसी भी प्रकार कम न समझें। वह अपने सदस्यों के चेहरों पर मुस्कराहट लाने के लिए कार्य करें। देश के गृहमंत्री अमित शाह भी आप की ही तरह एक साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं।
समितियां हमारी जड़ व पूंजी हैं, हमारी पहुंच प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर तक है, हमारी विश्वसनीयता ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है,इसलिए विश्वास को विकसित करें। जब भाजपा सत्ता में आई तो सहकारी बैंकों का एनपीए करोड़ों में था। लोग सहकारी बैंक के नाम पर भागते थे । वर्ष 2017 में 16 वीक बैंक थे। इनकी स्थिति यह थी कि पैसा मांगने पर कहा जाता था कि पैसा नहीं है। वसूली तो छोड़िए मूलधन भी वापस नहीं आ रहा था इसलिए हमने एकमुश्त समाधान योजना चलाकर लोगों से पैसा जमा कराया, जिसके चलते 9 सहकारी बैंक अब बैंकों की तरह काम कर रहे हैं। शेष बैंक भी धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि झांसी में तो 16 वर्ष बाद एजीएम (अनुअल जनरल मीटिंग) हो ही गया जबकि लखनऊ से सटे हुए जिले हरदोई में तो 30 वर्ष बाद एजीएम हुआ। वहां जब भी एजीएम की बात होती थी तो वह कहते थे कि ऑडिट नहीं हुआ और हमारे पास ऑडिट के लिए पैसा भी नहीं है। आज हम 97 प्रतिशत एजीएम कराने में सफल हुए हैं। आपको मालूम होना चाहिए कि देश के गृहमंत्री अमित शाह भी एक समिति के अध्यक्ष हैं। आप समझ सकते हैं कि साधन सहकारी समिति का सदस्य कितना महत्वपूर्ण है।
इस दौरान जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष जयदेव पुरोहित ने अतिथियों का स्वागत किया साथ ही बैंक का लेखा जोखा सभी के सामने प्रस्तुत किया। इससे सदस्य उत्साहित नजर आए।
सहकारिता मंत्री ने बिना कुछ कहे पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने 2017 में सत्ता संभाली, उससे पहले वाली सरकारों में को-ऑपरेटिव बैंकों की दुर्दशा का बखान भी नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2017 के पहले साधन सहकारी समितियों की संपत्ति तक का ब्यौरा नहीं था, कोई रजिस्टर नहीं बना था, आज सबकुछ पारदर्शी है, हमारी पूंजी हमारी समितियां हैं।
उन्होंने कहा कि आप सभी को आज यहां से यह संकल्प लेना होगा कि प्रति माह साधन सहकारी समिति की बैठक करेंगे, उसमें आय व्यय का ब्यौरा सार्वजनिक करेंगे और सदस्यों के बढ़ाने की चिंता के साथ उनके चेहरे पर मुस्कान कैसे आए इसकी जवाबदेही तय करेंगे,तभी हम सवा करोड़ भारतीयों को विश्व में अपनी पहचान मिल सकेगी। और हम इस ओर अग्रसर हो चुके हैं।
कोविड काल में जहां विश्व वैक्सीन की तलाश में सबकी ओर लालायित था। वहीं भारत ने एक के स्थान पर दो वैक्सीन ईजाद कर विश्व में अपना महत्व स्थापित कर दिया है। यही नहीं चीन को अपने कदम वापस खींचने पड़े हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि यह आधुनिक युवा सोच का भारत है।
कार्यक्रम में बबीना विधायक राजीव सिंह,मऊरानीपुर विधायक बिहारी लाल आर्य,गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविन्द कुशवाहा, जिलाध्यक्ष जमुना कुशवाहा,ललितपुर बैंक के अध्यक्ष हरीराम निरंजन समेत तमाम समितियों के अध्यक्ष आदि उपस्थित रहे।
सोनिया
वार्ता