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हिरासत में मौत मामले में त्रिपुरा पुलिस कठघरे में

हिरासत में मौत मामले में त्रिपुरा पुलिस कठघरे में

अगरतला 02 नवंबर (वार्ता) त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर के अमरनगर कॉलोनी से चोरी के आरोप में गिरफ्तार 19 वर्षीय युवक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं और इसे लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह के घेरे में है।

पीड़ित युवक मंगल दास की मां आरती दास ने शुक्रवार को यहां स्थानीय अदालत में आर के थाना के पुलिस उप निरीक्षक प्रीतम दत्ता पर अपने बेटे मंगल दास को यातना देकर हिरासत में मौत के घाट उतारने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की है। पुलिस ने मंगल को उदयपुर के धजनगर औद्योगिक क्षेत्र में हुई चाेरी के एक मामले में स्थानीय लोगों की शिकायत पर 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने मंगल के साथ ठीक अगले दिन उसके घर की तलाशी ली थी तथा उसकी मां एवं रिश्तेदारों के सामने बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद पुलिस के आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने मंगल को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस दौरान जांच अधिकारियों ने मंगल को बेरहमी मारा पीटा।

रिपोर्ट के मुताबिक मंगल की 30 अक्टूबर को तबीयत खराब हो गई लेकिन पुलिस ने फिर भी उसके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की। जब मंगल की हालत अगले दिन और खराब हो गयी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच पुलिस ने आरती को मंगल की बीमारी की सूचना दी लेकिन जब आरती अस्पताल पहुंची तो मंगल को वहां हालत में पाया ।

युवक की मां ने मीडिया को बताया “हमारे बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पुलिस ने ना तो शव का पोस्टमार्टम कराया और ना ही शव को हमें सौंपा। पुलिस ने जबरन शव का संस्कार कर दिया। मुझे अस्पताल में भी पुलिस ने धमकाया और पुत्र की मौत को मुद्दा नहीं बनाने के लिए चेतावनी भी दी। पुलिस इस मौत को जबरन प्राकृतिक करार देना चाहती है।”

मंगल की मां ने न्यायालय को विस्तार से इसकी जानकारी देते हुए न्याय की गुहार लगायी। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूरी घटना की पारदर्शी जांच कराने की मांग की है। इन संगठनों ने जांच पूरी होने तक संबद्ध पुलिस अधिकारी को निलंबित करने की भी मांग की।



इस बीच गोमती जिले के पुलिस अधीक्षक अवुला रमेश रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार घटना की आंतरिक जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें पीड़ित की मां की शिकायतों के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।

श्री रेड्डी ने कहा,“ये बहुत संवेदनशील मुद्दे हैं और विभाग निष्पक्ष जांच करेगा। आरोपी अधिकारी को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है क्योंकि मंगल एक वयस्क था और औपचारिक रूप से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसे पुलिस रिमांड पर भेज दिया और इस दौरान स्वास्थ्य जांच सहित सभी औपचारिकताओं को पूरा किया गया। नियमित जांच के दौरान वह बीमार पड़ गया और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कानून के अनुसार कोई भी दोषी पाया गया तो बख्शा नहीं जाएगा।

संजय जितेन्द्र

वार्ता

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