भारतPosted at: Apr 4 2019 9:49PM तिब्बत पर सलाह के लिए दलाई लामा ने की नेहरू की तारीफ
नयी दिल्ली 04 अप्रैल (वार्ता) तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा चीन से बातचीत जारी रखने की सलाह के लिए गुरुवार को उनकी प्रशंसा की और कहा है कि चीन के साथ तिब्बतियों के संघर्ष के दौरान उनकी यह सलाह मददगार रही थी।
दलाई लामा ने यहाँ इमोरी के ‘इंटरनेशनल एसईई लर्निंग प्रोग्राम’ की लॉन्चिंग के मौके पर कहा “पं. नेहरू ने व्यावहारिक सलाह दी थी कि अमेरिकी सेना तिब्बत से चीनियों को नहीं हटायेगी। उन्होंने मुझसे कहा था ‘आज नहीं तो कल आपको चीन की सरकार से बात करनी ही पड़ेगी। तिब्बत के मसले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने का कोई फायदा नहीं है। पं. नेहरू की सलाह मानते हुये हमने 1974 में आजादी की माँग छोड़ दी। हमने आपसी सहमति से समाधान ढूँढ़ने का प्रयास किया और 1979 में चीन की सरकार के साथ सीधे संबंध स्थापित किया।”
तिब्बती धर्मगुरू ने पिछले साल अगस्त में पं. नेहरू पर स्वार्थी होने का आरोप लगाते हुये कहा था कि यदि उन्होंने महात्मा गाँधी की बात मानकर मोहम्मद अली जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बनने दिया होता तो भारत और पाकिस्तान कभी अलग नहीं होते। हालाँकि, दो दिन बाद ही उन्होंने इस बयान के लिए माफी माँग ली थी।
तिब्बत के विफल विद्रोह के बाद अपने अनुयायियों के साथ 1959 से निर्वासन में भारत में रह रहे 83 वर्षीय दलाई लामा ने उनके अलगाववादी होने संबंधी आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा “मैंने हमेशा कहा है कि मैं अलगाववादी नहीं हूँ, लेकिन चीन की सरकार मुझे अलगाववादी मानती है।” हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा “ऐसा मानकर चीन की सरकार चाहती है कि मैं तिब्बत की आजादी के लिए लड़ूँ।”