बिजनेसPosted at: May 14 2020 8:15PM गरीब, मजदूर, किसान, और छोटे कामगारों के लिए सरकार ने खोला खजाना
नयी दिल्ली 14 मई (वार्ता) कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान में गरीब, प्रवासी मजदूर, किसान, मध्यम आय वर्ग और संगठित क्षेत्र के छोटे कामगारों के लिए घोषणायें की गयी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ आज यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुये कहा कि इसके तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किफायती रेंटल आवास परिसर बनाने की योजना बनायी गयी है। इसके तहत कम किराये पर प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध हो सकेगा। इस संबंध में मंत्रालय शीघ्र ही विस्तार से योजना जारी करेगी। यह योजना सरकार निजी भागीदारी आधारित होगी।
उन्होंने कहा कि देश के आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त में राशन देने की व्यवस्था की गयी है। इस पर 3500 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। इसमें प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलो गेहूँ या चावल और प्रति परिवार एक किलो चना दिया जायेगा। यह योजना सिर्फ बगैर राशन कार्डधारक के लिए है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि तीन करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिये गये हैं और अब उनको इसके भुगतान में तीन महीने की राहत दी जा रही है। इसके तहत ब्याज में राहत और नियमित भुगतान करने पर दी जाने वाली छूट की अवधि को एक मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2020 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों, मधुआरों और पशुपालकों को 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की तैयारी चल रही है और इसके माध्यम से 25 हजार करोड़ रुपये के ऋण दिये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना के मद्देनजर किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तरलता की मदद की जा रही है। एक मार्च 2020 से लेकर 30 अप्रैल तक कृषि क्षेत्र में 86600 करोड़ रुपये के 63 लाख ऋण मंजूर किये गये हैं। इसके अतिरिक्त नाबार्ड के माध्यम से 29300 करोड़ रुपये उपलब्ध करायें जायेंगे जो नाबार्ड द्वारा वार्षिक आधार पर दिये जाने वाले 90 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। राज्यों को ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास फंड के तहत 4200 करोड़ रुपये दिये गये हैं। राज्यों की कृषि उत्पाद खरीद एजेंसियों को उत्पाद खरीद के लिए कार्यशील पूंजी के वास्ते 6700 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में प्रवासी और शहरी गरीबों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्यों को 11002 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं। इसके साथ ही राज्यों को राज्य आपदा राहत कोष का भी इसके लिए उपयोग करने की छूट दी गयी है। लॉकडाउन के दौरान आश्रय गृहों में रहने वालों को तीन समय भोजन उपलब्ध कराये गये हैं। देश के 12 हजार से अधिक स्व सहायता समूहोें ने तीन करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर तैयार किये हैं। इससे रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित हुये हैं। गत 15 मार्च के बाद से देश में 7200 नये स्व सहायता समूह बनाये गये हैं।
शेखर
जारी. वार्ता