नयी दिल्ली, 26 दिसम्बर (वार्ता) पहलवान दीपक पुनिया इस साल कुश्ती के सबसे बड़े स्टार बनकर उभरे जबकि दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के पहले राउंड में हार चौंकाने वाली रही। पहलवान बजरंग पुनिया को देश के सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
द्रोणाचार्य अवार्डी महाबली सतपाल के शिष्य और जूनियर विश्व चैंपियन पहलवान दीपक ने कजाखस्तान के नूर सुलतान में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता के 86 किग्रा फ्रीस्टाइल ओलंपिक वजन वर्ग मुकाबले में रजत पदक जीता और इसके साथ ही भारत को टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिये चौथा कोटा दिलाया। इस प्रतियोगिता में रवि कुमार ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल, बजरंग पुनिया ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल और महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 53 किग्रा वर्ग में देश को ओलंपिक कोटा दिलाया। रवि, बजरंग और विनेश ने अपने-अपने वजन वर्गों में कांस्य पदक जीते।
जूनियर विश्व चैंपियनशिप में देश को 18 साल बाद स्वर्ण पदक दिलाने वाले दीपक ने सेमीफाइनल में स्विटजरलैंड के स्टीफन रेचमुथ को एकतरफा अंदाज़ में 8-2 से पराजित कर फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उनका मुकाबला ईरान के हसन आलियाजाम याजदानीचराती के साथ होना था लेकिन दीपक ने चोट के कारण फाइनल छोड़ दिया जिससे उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। दीपक को कुश्ती की विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने वर्ष का सर्वश्रेष्ठ जूनियर पहलवान चुना। इस प्रदर्शन के साथ दीपक टोक्यो ओलम्पिक के लिए बजरंग के बाद दूसरे ऐसे पहलवान बन गए हैं जिनसे पदक की उम्मीद की जा सकती है।
दीपक ने विश्व चैंपियनशिप में क्वालिफिकेशन में कजाखिस्तान के आदिलेत दावलमबाएव को 8-6 से, प्री क्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान के बखोदर कोदिराेव को 6-0 से, क्वार्टरफाइनल में कोलंबिया के कार्लाेस आर्तुरो को नजदीकी मुकाबले में 7-6 से और सेमीफाइनल में स्विटजरलैंड के स्टीफन रेचमुथ को आसानी से 8-2 से पीटा।
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