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लोकरुचि


एलईडी की रोशनी से जगमगायेगी दीपावली

एलईडी की रोशनी से जगमगायेगी दीपावली

नयी दिल्ली 17 अक्टूबर (वार्ता) दीपावली के मौके पर रोशनी के लिए तरह-तरह के जगमगाते बल्ब और लड़ियों से बाजार भरे पड़े हैं जिनमें से एलईडी लड़ियां, बल्ब , ट्यूब लाइट, एलईडी दीपक लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं। हाल के वर्षों में सजावटी बिजली का बाजार 80 फीसदी से अधिक चीनी निर्मित सामग्रियों पर ही निर्भर रहा है। बदलते समय और लोगों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता के परिप्रेक्ष्य में एलईडी उत्पादों की ओर उनका रूझान बढ़ा है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने एलईडी के लिए मापदंड घोषित किये हैं , लेकिन सस्ते चाईनीज एलईडी लाइटिंग प्रोडक्ट समूचे देश के हर बाजार में उपलब्ध है। इस बार दीवारों पर थ्रीडी इफेक्ट देने वाली एलईडी लाइट बच्चों को खासी पसंद आ रही है। सिंगल कलर एलईडी लाइट से लेकर मल्टीकलर एलईडी लाइट और डिजाइनर लाइट बाजार में हर जगह उपलब्ध हैं। बाजार में ऐसी झालरें भी आई हैं, जिसे रिमोट के जरिए उसका मोड सेट कर सकते है। इतना ही नहीं बिजली के डिजाइन किए डिजाइनर दीये बिक रहें, जिसके लिए तेल और घी की जरूरत नहीं होती और न हवा से इसके बुझने की चिन्ता होती है। एलईडी प्रकाश निर्माण की अग्रणी कंपनी, एनटीएल लेमनिस के कार्यकारी निदेशक तुषार गुप्ता कहते हैं कि एलईडी के प्रति लोगों में बढता झुकाव इस बात का सूचक हैं कि आने वाले सालों में एलईडी लाइटिंग क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उनका कहना है कि लक्ष्मी पूजा दीपावली के मौके पर एलईडी के प्रयोग से आप बिजली बचत ही नहीं करेगें , बल्कि लक्ष्मी का संरक्षण भी करेगें।


          एलईडी लाइटस से न सिर्फ उर्जा का संरक्षण होता है , अपितु पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद मिलती है। इसका मुख्य कारण यह है कि एलईडी बल्ब की उम्र सीएफएल की तुलना में अधिक होती है और ये 50-60 हजार घंटे तक जल सकते है। ऊर्जा बचत के मामले में भी सीएफल की तुलना में एलईडी 50 फीसदी अधिक बचत करता है। इतना ही नहीं एलईडी में पारा नहीं होने के कारण यह एक पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक और खास बात यह हैं कि एलीईडी की लाइट फोकस वाली जगह पर सीधी पड़ती है तथा इसके प्रयोग से लाइट का नुकसान काफी कम है। एलीईडी को लेकर पूरे देश में एक काफी बदलाव देखा गया है। इस समय देश के कई राज्यों में एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत देश के सभी राज्यों में सस्ती दरों पर जनता को एलईडी बल्ब प्रदान किये जा रहे है। एलीईडी वितरण कार्यक्रम केन्द्र सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान है । एलईडी अभियान के परिणामस्वरुप जहां बिजली की खपत में कमी आई हैं वहीं घरेलू बचत में इजाफा होने के साथ ही कार्बन उत्सर्जन में भी कटौती दर्ज की गई है। सरकार का लक्ष्य अगले साल तक 77 करोड नियमित रेगुलर बल्ब और सीएफएल के स्थान पर एलईडी लाना है। अब तक अनुमानित 26 करोड से ज्यादा एलईडी बल्ब पूरे देश में वितरित किये जा चुके हैं । इससे से उपभोक्ताओ के बिजली बिलों मेें 40,000 करोड रूपये की कमी आने का अनुमान है। टंडन जय वार्ता

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