लखनऊ, 22 फरवरी(वार्ता) रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि डिफेन्स कोरिडोर स्थापित होने पर देश की सैन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र के आयात में कमी आएगी।
सुश्रीसीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयात कम करने के लिए देश में ही उद्योग स्थापित कर जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम बनाने का सुझाव दिया है। रक्षामंत्री ने कहा कि दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा देश जो सैन्य आवश्यकताओं के लिए आयात करता है। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद, अलीगढ एवं अन्य स्थानों के धातु उत्पादनों की ओर ध्यान नहीं देकर दूसरे देशों से इनको खरीदा गया है।
रक्षामंत्री आज यहां इन्वेसटर्स समिट में आयोजित रक्षा एवं आंतरिक्ष निवेश की संभावना सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में रक्षा उद्योग कोरिडोर लगाने के लिए बधाई भी दी। प्रधानमंत्री ने कल यहां इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र में देश में बनने वाले दो रक्षा उद्याेग कोरिडारों में एक यहां लगाने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दो फरवरी को उत्तर प्रदेश में रक्षा उद्योग कोरिडाेर स्थापित करने के लिए पूछा गया था और 18 दिन बाद परिणाम भी आ गया है। उन्होंने इस संबंध में तेजी से कार्य करने के लिए अधिकारियों को भी बधाई दी।
सुश्रीसीतारमण ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने तो इन कोरिडोरों के लिए पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी तथा सैन्य जरूरतों के लिए उद्योगपतियों से सम्पर्क किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की मांग के संबंध में जानकारी लेने के लिए आगरा,अलीगढ, झांसी सहित अन्य स्थानों पर विशेषज्ञों की टीमें भेजी जाएगी।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार एक तरफ बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे को सुदृढ बना रही है तथा दूसरी तरफ इन उद्योगों को क्लेस्टर कारखानों से जोड़ा जाएगा1 उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन कारखानों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कानपुर में छह हथियार कारखाने है, सात प्रदेश के अन्य स्थानों पर लगे हुए है1
सुश्रीसीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का सपना रहा है कि देश के लघु एवं सुक्ष्म उद्योगों बढावा दिया जाए।
तेज नरेन्द्र
जारी वार्ता